जिनेवा। इंटरनेशनल फेडरेशन आफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रीसेंट सोसाइटीज (आईएफआरसी) ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण एशिया का बड़ा भाग मानवीय संकट से जूझ रहा है। नेपाल, बांग्लादेश और भारत में एक करोड़ साठ लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार आईएफआरसी ने एक बयान में कहा है कि बांग्लादेश में बाढ़ का पानी रिकार्ड स्तर तक बढ़ चुका है और जमुना जैसी बड़ी नदियों का पानी 1988 में आई सबसे भीषण बाढ़ में तय किए गए खतरे के निशान को पार कर चुका है।
बयान के अनुसार, बांग्लादेश और नेपाल का एक-तिहाई से ज्यादा हिस्सा बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है और वहां पर आने वाले दिनों में मानवीय संकट और गहरा सकता है। बयान के मुताबिक , भूस्खलन और बाढ़ के बाद नेपाल के अधिकतर हिस्से बाहरी दुनिया से कट चुके हैं और बहुत से गांवों को बिना खाना, पानी और बिजली के गुजारा करना पड़ रहा है। नेपाल रेड क्रॉस सोसाइटी के महासचिव देव रत्न धाकवा ने बताया, “बाढ़ के कारण नेपाल में अब तक 128 जानें जा चुकी हैं और 33 लोग अभी भी लापता हैं। आईएफआरसी ने कहा है, “बांग्लादेश में पानी के बढ़ते स्तर से 39 लाख लोग प्रभावित हो चुके है। भारत की नदियों का पानी, बांग्लादेश के निचले आबादी वाले इलाकों में घुस सकता है जिससे स्थिति और भी भयावह हो सकती है। एजेंसी के अनुसार, बाढ़ से अब तक उत्तर भारत के चार राज्यों में लगभग एक करोड़ दस लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं। भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने इन इलाकों में आने वाले दिनों में भारी बारिश का अनुमान लगाया है।

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