Railway Board Chairman Ashwini Lohani wrote a letter to railway personnel, keep track of the wheels safely.
Railway Board Chairman Ashwini Lohani wrote a letter to railway personnel, keep track of the wheels safely.

नई दिल्ली। मुज्जफरपुर रेल हादसे के बाद से रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल पर काफी दबाव था जिससे वे काफी परेशान थे और लोगों के सवालों का जवाब देना उन्हें भारी पड़ रहा था। तभी दूसरा रेल एक्सीडेंट हो गया। जिससे तो उन्हें और भी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा। दूसरे रेल एक्सीडेंट के बाद तो उन्हें चौतरफा हो रहे सवालों के जवाब देने में परेशानी होने लगी। हारकर उन्होंने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। और उनकी जगह अश्विनी लोहानी को नया रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है। बता दें कि अश्विनी लोहानी एयर इंडिया के सीएमडी की भी जिम्मेदारी पहले से संभाल रहे हैं। मालूम हो कि हाल ही में यूपी में पांच दिनों में हुए दो बड़े रेल हादसों के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

सुरेश प्रभु भी देना चाहते हैं इस्तीफा
बता दें कि पांच दिनों में दो रेल हादसे के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि अभी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। पीएम मोदी ने सुरेश प्रभु को इस्तीफे को लेकर इंतजार करने के लिए कहा है। दूसरी ओर सूत्रों के हवाले से खबर है कि देर शाम तक सुरेश प्रभु के इस्तीफे पर पीएम मोदी फैसला ले सकते हैं। माना जा रहा है कि मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सुरेश प्रभु की कैबिनेट से छुट्टी हो सकती है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मंगलवार देर रात पांच दिनों में दूसरा बड़ा रेल हादसा हो गया। आजमगढ़ से दिल्ली आ रही कैफियत एक्सप्रेस कानपुर और इटावा के बीच हादसे का शिकार हो गई। वहीं पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस शनिवार शाम करीब 5.40 बजे मुजफ्फरनगर के खतौली में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में ट्रेन की 14 बोगियां पटरी से उतर गईं। हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई और लगभग 150 लोग घायल हो गए थे। पांच दिनों के भीतर दो बड़े हादसों की वजह से केंद्र सरकार और रेल मंत्री विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। विपक्ष ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु के इस्तीफे की मांग कर रहा है।

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