जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा है कि राज्य के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ में यदि शर्म है तो उन्हें तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ देना चाहिए क्योंकि राज्य में चिकित्सा व्यवस्था की जो बदहाल स्थिति हो गई है, उसके लिए चिकित्सा मंत्री का रवैया सीधे तौर पर जिम्मेदार है।
नेता प्रतिपक्ष डूडी ने बांसवाड़ा में विगत दो माह में 90 नवजात षिषुओं की मौत पर दुःख जताते हुए अपने बयान में कहा है कि बांसवाड़ा जिले के 56 और प्रतापगढ़ व डूंगरपुर जिले के 34 नवजात षिषुओं ने बांसवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में सरकारी लापरवाही की वजह से दम तोड़ दिया। अप्रेल माह में 20 और मई माह में 18 नवजातों की मौत के बाद भी चिकित्सा महकमे की नींद नहीं टूटी और नवजातों की मौत का सिलसिला जारी रहा।
डूडी ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की सारसंभाल नहीं होने और कुपोषण की वजह से ये मौतें होने की बात सामने आ रही है। इससे जाहिर है कि आदिवासी जिलों में सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों में चल रही है। नेता प्रतिपक्ष डूडी ने कहा कि हाल में ही राजस्थान विधानसभा की सदस्य कीर्तिकुमारी का स्वाइन फ्लू की वजह से निधन हो गया। प्रदेष में स्वाइन फ्लू की बीमारी से निपटने में चिकित्सा विभाग पूरी तरह नकारा साबित हुआ है। राज्य के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने जब से चिकित्सा विभाग संभाला है, तब से वीआईपी कल्चर की जो नई संस्कृति उन्होंने अपने हितैषियों के लिए एसएमएस अस्पताल और जयपुरिया अस्पताल में शुरू की है, ऐसा बचकानापन पहले कभी नहीं देखा गया। चिकित्सा मंत्री का दायित्व है कि वे पूरे प्रदेष की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कार्य करें, लेकिन सराफ अपनी राजनीतिक उलझनों में इतने फंसे रहते हैं कि उन्होंने पूरे चिकित्सा महकमे को डूबो दिया है। बांसवाड़ा के हादसे के बाद तो उन्हें एक पल भी चिकित्सा मंत्री के पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। इसलिए उन्हें तत्काल पद छोड़ देना चाहिए।