जयपुर । जेएलएन मार्ग पर स्थित भगवान महावीर कैंसर अस्पताल को जेडीए ट्रिब्यूनल कोर्ट से आंशिक राहत मिली है। विशिष्ट न्यायाधीश नन्दनी व्यास ने आगामी सुनवाई तक जेडीए को अस्पताल में रैंप के नीचे बनाए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं करने को कहा है। कोर्ट ने प्रार्थी अस्पताल प्रशासन को भी परिसर में बैंक संचालन सहित किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधि संचालित नहीं करने को कहा है।

कोर्ट ने व्यावसायिक गतिविधि संचालित होने पर जेडीए को विवादित परिसर सील करने की स्वतंत्रता दी है। साथ ही अदालत ने जेडीए से मय शपथ पत्र पूछा है कि नियमानुसार व विधिक प्रावधानों के अनुसार उपरोक्त विवादित परिसर नियमन योग्य है या नहीं। अस्पताल प्रशासन इसका नियमन करवाना चाहता है या नहीं। इस संबंध में जेडीसी सर्वोच्च स्तर पर जांच करवा कर जवाब पेश करें। ज्ञातव्य है कि जेडीए कार्रवाई को लेकर अस्पताल प्रशासन ने निर्माण क्षतिग्रस्त नहीं करने की गुहार लगाई थी। आदेश में कोर्ट ने कहा कि शहर में किए गए अवैध निर्माण जेडीए अधिकारियों की मूक सहमति, निष्कियता और लापरवाही के बगैर संभव नहीं है। बडे अफसरों और मीड़िया का दबाव पड़ने पर केवल दिखावटी कार्रवाई की जाती है। ऐसी कार्रवाई से नगर का सुनियोजित विकास बाधित होता है और भ्रष्ट आचरण व गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है। सरकार के लिए यह एक गंभीर सोच का विषय है।

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