कोलकाता. कोलकाता स्थित भारतीय वाणिज्य मंडल (आईसीसी) द्वारा कल नई दिल्ली में छठा भारत खनिज एवं धातु फोरम आयोजित किया जाएगा। इस्पात मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह इसका उद्घाटन करेंगे।
संगोष्ठी के दौरान वर्ष 2025 तक भारतीय इस्पात उद्योग के रोडमैप और खनन, उत्पादन, मांग एवं वितरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। संगोष्ठी के दौरान इसके अलावा भविष्य के लिए तैयार अलौह पारिस्थितिकी तंत्र और धातु उद्योग के आउटलुक- वर्तमान चुनौतियों एवं भावी संभावनाओं पर भी ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
विगत कुछ वर्षों के दौरान भारतीय इस्पात क्षेत्र ने काफी तेजी से प्रगति की है और वर्तमान में यह विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 2 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। भारत ने बिक्री के लिए 100 एमटी उत्पादन का आंकड़ा भी पार कर लिया है। सरकार द्वारा क्षमता वृद्धि पर विशेष जोर दिए जाने और निर्माण, ऑटोमोटिव तथा बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों की ओर से निकल रही भारी मांग को देखते हुए भारत को वैश्विक इस्पात उत्पादन वृद्धि के लिए एक ‘ब्राइट स्पॉट’ के रूप में देखा जाता है। कैबिनेट ने राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 को मंजूरी दी है जिसके तहत इस्पात क्षेत्र में और ज्यादा क्षमता के सृजन के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है।