ग्वालियर। नगर निगम अब मोबाइल नंबरों से किरायेदार तलाशने की कोशिश करेगा। दरअसल नगर निगम के रिकार्ड में 2 लाख 31 हजार संपत्तियां दर्ज हैं, लेकिन उनमें से मात्र 18 हजार 300 संपत्तियों से ही किरायेदारी का टैक्स मिल रहा है। इससे निगम को हर साल करोड़ों का नुकसान हो रहा है।नगर निगम के रिकार्ड में दर्ज मोबाइल नंबरों से अब क्रास चेकिंग कर किरायेदारों की तलाश की जाएगी। दरअसल नगर निगम सभी संपत्ति धारकों का मोबाइल नंबर दर्ज करता है ताकि टैक्स का बिल और राजस्व से संबंधित जानकारी देने के लिए उन्हें समय-समय पर मैसेज किया जा सके।लेकिन हाल ही में यह बात सामने आई है एक ही मोबाइल नंबर पर तीन से चार संपत्तियां दर्ज हैं। निगम अधिकारियों ने ऐसे दो दर्जन से ज्यादा केस पकड़े हैं जिसके बाद नगर निगम अब सभी को फोन लगाकर क्रास चेक करेगा ताकि किरायेदारी वाली संपत्तियों को पकड़ा जा सके।नगर निगम सिर्फ मोबाइल नंबर के भरोसे ही नहीं रहेगा बल्किी ऐसी संपत्तियों का भौतिक सत्यापन भी कराया जाएगा कि मौके पर कौन रह रहा है। यदि मकान मालिक की जगह किरायेदार रहते मिले तो नगर निगम संपत्तिधारक से जुर्माना भी वसूलेगा, क्योंकि टैक्स की गणना करवाने के दौरान संपत्ति मालिक द्वारा जो विवरणी भरी जाती है उसमें इस बात का प्रावधान है।दरअसल नगर निगम ने संपत्तियों के साथ मालिक का मोबाइल नंबर भी दर्ज किया है। लेकिन हाल ही में यह जानकारी सामने आई है कि 3 से 4 संपत्तियों पर एक ही मोबाइल नंबर दर्ज है और सभी संपत्तियों पर स्वयं के रहने का टैक्स जमा किया जा रहा है।