जयपुर। राम रहीम, आसाराम, फलाहारी जैसे बाबाओं पर निशाना साधते हुए एक जैन संत ने दुष्कर्म के आरोपी बाबाओं को 21 वीं सदी का रावण करार दिया है। कड़वे प्रवचनों के लिए पहचाने जाने वाले जैन संत तरुण सागर महाराज ने विजयदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से सीकर में आयोजित कार्यक्रम में एक चर्चित बयान दे दिया है। उन्होंने कहा है कि देश भर में रावण के पुतले जलाए जाते हैं, लेकिन इस दिन रावण के पुतले नहीं, बल्कि बदनियत दुष्कर्मी बाबाओं के पुतले जलाए जाने चाहिए। ये ही 21 वीं सदी के असली रावण है, जिन्होंने लाखों लोगों की श्रद्धा की हत्या की है। उन्होंने कहा कि रावण ने सीता का अपहरण किया था, लेकिन सीता के साथ कभी बदसलूकी नहीं की, जबकि आज के ये बाबा तो उससे भी बड़े रावण हैं। असली दशहरा तभी सार्थक होगा जब लोग दुष्कर्मी बाबाओं के पुतले जलाएंगे। उन्होंने कहा कि महाभारत की गीता और रामायण की सीता ही देश की संस्कृति है। इससे पहले भी तरुण सागर महाराज ने इन बाबाओं पर कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था कि देश में बाबाओं की सम्पत्ति की जांच होनी चाहिए। तभी जाकर समाज में धर्म और बाबाओं के प्रति स्थिति साफ हो सकेगी। महाराज ने कहा था कि देश में हर तीसरा संत भ्रष्ट है। या यूं कहें तो देश में 14 नहीं 1400 साधु भ्रष्ट हैं। इनकी व्यापक स्तर पर पहचान होनी चाहिए।
उन्होंने कहा था कि समाज में साधुओं के प्रति जागरूकता लाना जरुरी है। इससे धर्म की बदनामी हो रही है। नास्तिक नहीं तथाकथित आस्तिक भी धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। तरुण सागर महाराज ने कहा कि देश में भ्रष्ट नेताओं और अफसरों की संपत्ति की जांच होती है, लेकिन अरबों की संपत्ति पर कुंडली मारे बैठे बाबाओं की संपत्ति की कोई जांच नहीं करता। जैन मुनि तरुण सागर महाराज ने कहा था कि इन बाबाओं के गलत आचरण से समाज के युवाओं में धर्म के प्रति विमुखता आई है। इसके लिए समाज ही जिम्मेदार है जो उनकी पहचान किए बिना उन्हें गुरु मान लेता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के भ्रष्ट आचरण वाले बाबाओं को चिन्हित किया जाना चाहिए।