खंडवा। भोपाल जेल के प्रहरी की हत्या करके जेल से भागे और बाद में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए पांच सिमी आतंकियों की कब्रों पर शहीद शब्द लिखने से बवाल हो गया। मामला सामने आने पर पुलिस ने कब्रों से शहीद शब्द को पुतवाया। कब्र के पत्थरों पर कथित आतंकियों का महिमा मंडन करने के मकसद से उनकी मौत को शहादत बताया गया था। खंडवा के पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह सिकरवार ने बताया कि यह मामला सामने आया तो मुस्लिम समाज के बुजुर्ग और प्रबुद्ध वर्ग से बातचीत की। मुस्लिम समाज के लोगों ने ही कब्रों के पत्थर पर लिखे शहादत शब्दों पर रंग पोतकर उन्हें मिटाया। सूत्रों ने बताया कि भोपाल मुठभेड़ में मारे गए पांच सिमी सदस्यों की कब्रों पर लगाए गए पत्थरों पर उर्दू और हिन्दी में लिखे इस्लामिक शहादत के शब्दों के साथ-साथ कुछ अन्य शब्दों को बुधवार रात मिटा दिया गया है। जिन पांच सिमी सदस्यों की कब्रों से इन शब्दों को मिटाया गया है, उनके नाम अमजद खान, जाकिर हुसैन, मोहम्मद सलीक, शेख महबूब और अकील खिलजी है। ये पांचों सिमी आतंकी उन आठ सिमी विचाराधीन कैदियों में शामिल थे, जिन्होंने 30-31 अक्टूबर की रात को उच्च सुरक्षा वाली भोपाल केंद्रीय जेल से कथित रूप से एक सुरक्षा गार्ड की हत्या कर फ रार हो गए थे। बाद में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 31 अक्तूबर को ये आठों सिमी सदस्य भोपाल के बाहरी इलाके में मारे गए थे। इनमें से पांच खंडवा के रहने वाले थे। इसके बाद दो नवंबर की रात तकरीबन 11 बजे खंडवा के रहने वाले इन पांच सिमी सदस्यों के शवों को यहां बड़ा कब्रिस्तान में तनाव और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया था।

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