जयपुर। मिर्धा अपहरण कांड के तीनों मुकदमों में जेल में बन्द आरोपी हरनेक सिंह को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रम-3, जयपुर मेट्रो प्रमोद कुमार मलिक की कोर्ट ने गुरुवार को आईपीसी, विस्फोटक एक्ट एवं आम्र्स एक्ट की विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया है। कोर्ट ने हरनेक सिंह को अशोक नगर थाने में दर्ज मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 364 ए, 365, 343, 346 और 2०1 में, मालवीय नगर थाने में दर्ज मामले में धारा 3०7, 353, 42०, 468 और धारा 471, विस्फोटक अधिनियम की धारा 4 व आम्र्स एक्ट की धारा 3/25 व 7/25 के तहत दोषी माना है। इनके अलावा वैशाली नगर थाने में दर्ज मामले में आईपीसी की धारा 176, 177, 419 व 468, विस्फोटक अधिनियम की धारा 4 व 5 तथा आम्र्स एक्ट की धारा 3/25 व 7/25 के तहत दोषी माना है। जिनमें आजीवन कारावास तक की सजा के प्रावधान है। कोर्ट सजा के बिन्दू पर शुक्रवार को सुनवाई कर सजा सुनाएगी।
दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश
पुलिस कस्टडी से घातक विस्फोटक गायब होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए आदेश में कहा है कि 16 पैकिट कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसे पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया और पेश करने के सार्थक प्रयास नहीं किये। जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। पेश किये गये दस्तावेजों से केवल फोरी कार्यवाही किया जाना प्रतीत होता है। एफएसएल जांच में विस्फोटक पदार्थ होना साबित हुआ है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पुलिस द्बारा जानबूझकर अभियुक्त को अनुचित लाभ पहुंचाये जाने के आशय से माल को गायब कर दिया हो अथवा विस्फोटक गायब होने दिया हो। कोर्ट का यह भी कहना है कि पुलिस के किये गये इस अपराध का लाभ अभियुक्त हरनेक सिंह को नहीं दिया जा सकता। अदालत ने आदेश की प्रतियां डीजीपी और प्रमुख गृह सचिव को भेजते हुए दोषी अफसरों के विरुद्ध उचित कार्रवाई जिसमें अभियोजन कार्यवाही भी संस्थित हो सकती है, कर की गई कार्यवाही से कोर्ट को 3 माह में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।