High Court
जयपुर। जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेस की सुविधा देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश के सी शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से 11 नवंबर तक पूछा है कि इस सुविधा के लिए जेलों को किस आधार पर फंड जारी किया गया है। स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को जेलों के लिए नॉन आॅफिशियल विजीटर्स भी नियुक्त करने को कहा है।
यह आदेश प्रकरण में लिए गए दिए।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रदेश की 24 जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेस की सुविधा आरंभ हो चुकी है। जबकि शेष जेलों के लिए फंड जारी कर दिया गया है। वहीं भेल की ओर से हाईकोर्ट को बताया कि जोधपुर जेल को छोडकर अन्य सभी जेलों में मोबाइल जेमर लगाने के संबंध में आरएफ मेपिंग की कार्रवाई हो चुकी है।

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