सीएनबीसी टीवी 18 के एक कार्यक्रम में अधिया ने कहा कि विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं को विभिन्न कर श्रेणी में रखते समय जीएसटी परिषद ने केवल उत्पाद शुल्क और वैट दर पर विचार किया जो उन वस्तुओं पर लागू होती थी।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से दरों को युक्तिसंगत बनाने की गुंजाइश है लेकिन यह तभी होगा जब ‘फिटमेंट कमेटी’ राजस्व प्रभाव का विस्तृत आकलन करती है।
नई दिल्ली। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि जीएसटी की सबसे ऊंची दर 28 प्रतिशत के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं की संख्या कम की जाएगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि कर दरों में और कटौती करने से पहले अधिकारियों की समिति इसका राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या जीएसटी परिषद 28 प्रतिशत कर की श्रेणी में आने वाली वस्तुओं की संख्या में कमी लाने पर विचार कर रही है, उन्होंने कहा, ‘‘इसमें दरों को विभिन्न श्रेणियों में रखे जाने की जरूरत है। ये दरें मुख्यत: उत्पाद शुल्क और वैट पर आधारित हैं। ’’ देश में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) एक जुलाई से लागू हुआ। इसमें दो दर्जन से अधिक करों को समाहित किया गया है। सभी वस्तुओं और सेवाओं को चार स्तरीय जीएसटी दर 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की श्रेणी में रखा गया है।