delhi. भारतीय नौसेना के जहाज तीर, सुजाता, शार्दुल तथा आईसीजीएस, सारथी 18 से 22 अक्तूबर, 2017 तक जकार्ता, इंडोनेशिया की यात्रा पर हैं। इस यात्रा का उद्देश्य प्रशिक्षिकों को विदेशी जल क्षेत्र में युद्धाभ्यास कराना, बंदरगाहों से परिचित कराना और दोनों देशों के बीच मित्रता बढ़ाना है। ये जहाज कोच्चि मुख्यालय स्थित दक्षिणी नौसेना कमान के अंतर्गत भारतीय नौसेना का पहला प्रशिक्षण स्क्वैड्रन के हैं। इसमें छह स्वदेश निर्मित भारतीय नौसेना के जहाज तीर, सुजाता, शार्दुल तथा भारतीय तटरक्षक जहाज, सारथी और दो प्रशिक्षण जहाज आईएनएस सुदर्शनी और आईएनएस तरंगिनी है।
इन जहाजों की यात्रा 18 अक्तूबर को दक्षिण नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल ए.आर.करवे, ए.वी.एस.एम. की यात्रा के साथ-साथ हो रही है। एडमिरल ने इंडोनेशिया की नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल ए.डी.ई तौफिक आर से मुलाकात की और दोनों देशों के परस्पर हितों के विषय पर चर्चा की। भारतीय जहाजों के कमान अफसरों ने नौसेना एरिया कमांडर जकार्ता से मुलाकात की। एक्जिक्युटिव ब्रांच के प्रशिक्षु अधिकारी भारतीय नौसेना अकादमी से बी.टेक डिग्री प्राप्त करने के बाद 24 सप्ताह के कठिन व्यावहारिक समुद्री प्रशिक्षण के लिए प्रथम प्रशिक्षण स्क्वैड्रन में शामिल होते है, ताकि उन्हें समुद्र का अनुभव प्राप्त हो। समुद्र प्रशिक्षुओं को नाविक के तौर तरीके, नौवहन के बुनियादी तथ्य, जहाज संचालन, बोट कार्य तथा इंजीनियर पक्षों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अतिरिक्त उन्हें कठिन समुद्री जीवन के बारे में बताया जाता है।
पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण जहाजों पर प्रशिक्षण लेना शामिल है, जहां प्रशिक्षुओं को नौका संचालन और रस्सी कार्य की बारीकियों से अवगत कराया जाता है। इस चरण की सफलता के बाद प्रशिक्षुओं को चलते हुये जहाज प्रशिक्षण चरण के लिए भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के विभिन्न जहाजों में नियुक्त किया जाता है। प्रथम प्रशिक्षण स्क्वैड्रन में भारतीय नौसेना मित्र प्रदेशों के अधिकारियों को भी प्रशिक्षित करता है।
भारतीय नौसेना पिछले चार दशकों से अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित कर रही है। अभी तक 40 से अधिक देशों के 13,500 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया गया है। अभी इंडोनेशिया के सात अधिकारी एसएनसी में एडवांस कोर्स कर रहे हैं।
प्रशिक्षण स्क्वैड्रन का नेतृत्व प्रथम प्रशिक्षण स्क्वैड्रन के वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन डी.जे. रेवर कर रहे है, जो आईएनएस तीर के कमान अ.धिकारी भी हैं। उनके नेतृत्व में अत्यधिक प्रेरित अधिकारियों और नाविकों का एक दल समुद्री प्रशिक्षण में उनकी सहायता कर रहा है।