जयपुर . आम आदमी पार्टी राजस्थान द्वारा रविवार को एसएमएस हॉस्पिटल के पास स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता आयोजित की गई जिसमे राज्य सरकार द्वारा अघोषित आपातकाल और लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ आन्दोलन करने का ऐलान किया जिसे पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों एवं विधानसभा स्तर पर किया जायेगा. पत्रकार वार्ता में आप लीगल सेल प्रदेश प्रभारी अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी ने वार्ता को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचारियो को बचाने वाले अध्यादेश को काला कानून कहा जाना चाहिए जो की पुरे राजस्थान ही नही अपितु पुरे भारतवर्ष में पहली बार एक षड्यंत्र के तहत राज्य सरकार लागु करना चाह रही हैभंडारी ने कहा की राज्य की वसुंधरा सरकार खुद को कानून से उपर मानते हुए तुगलकी फरमान जारी कर रही है और जनता के प्रति जबावदेही से किनारा कर रही है ,य ही नहीं इस अध्यादेश के अंतर्गत लोकतंत्र के चोथे स्तम्भ मिडिया तक को भी कुचलने का प्रावधान रख मिडिया का भी दमन करने का प्रयास किया गया है .
इस अध्यादेश के मुताबिक मिडिया सरकार की बिना अनुमति के भ्रष्टाचारियो के खिलाफ ना तो कुछ लिख सकती है तथा ना ही भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों को कवरेज़ कर सकती है . अगर मिडिया द्वारा सरकार की अनुमति के बिना यह सब किया गया तो उन्हें भी जेल में डालने का प्रावधान राज्य की सबसे भ्रष्टतम सरकार ने इस अध्यादेश में किया है .देश में जितनी भी राज्य सरकारें हैं सबके विधायको, मंत्रियों और यहां तक कि मुख्यमंत्रियों पर आये दिन भ्र्ष्टाचार के आरोप लगते हैं। क्या ये लोग खुद के खिलाफ किसी तरह की जांच की अनुमति देंगे ?एक मात्र दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है जो कहती है कि उसकी किताब खुली है ? क्या अन्य राज्यों की किसी भी सरकार ने आज तक ऐसा दावा किया कभी प्रदेश में भ्रष्टाचार का हाल बाबुओं की हालत देखकर ही लगता है और हँसी भी आती है राज्य सरकार की कार्य प्रणाली कुछ इस प्रकार की हो गई है कि प्रदेश के सरकारी तंत्र में भ्र्ष्टाचार एक नासूर की तरह फेलता जा रहा जिसे रोकने के बजाये सरकार आम जनता और सरकारी घोटालो को उजागर करने वालो के खिलाफ नया अध्यादेश लेकर आई है जो सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचारियो को संरक्षण देना साबित करता है .
आखिरकार राज्य की सरकार ऐसे आर्डिनेंस क्यों लाई है ?बिल क्यों नहीं लाई, ताकि तत्काल लागू हो जाये और किसी तरह के सवाल उठाने का मौका नहीं दिया जाए।आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश का सख्त विरोध करती है और सरकार से मांग करती है की अध्यादेश को तत्काल वापस लिया जाए। अगर सरकार अध्यादेश वापस नहीं लेती है तो आम आदमी पार्टी इस काले कानून के खिलाफ न केवल अदालत में जाएगी बल्कि सडकों पर भी उतरेगी।प्रदेश लीगल सेल सदस्य एवं पूर्व संभाग प्रभारी उम्मेदसिंह राठोड ने कहा की प्रदेश में अदालत, पुलिस और मीडिया की क्या स्थिति है यह किसी से छिपा नही है भ्रष्टाचार सरकारी तंत्र में इस कदर घुल गया है की अब सरकार को घोटालो को उजागर करने वालो पर लगाम लगानी पड़ रही है क्योकि सरकारी तंत्र के अधिकारी भी राज्य की सरकार के छोटे – बड़े सभी तरह के घोटालो में बराबर की भागीदारी रखते है जिससे इस भय के चलते राज्य सरकार को अधिकारियो को बचाने वाला अध्यादेश लाना पड़ गया जिसे आम आदमी पार्टी किसी भी हालात में लागु नही होने देगी इसके लिए चाहे हमे ही जेल जाना क्यों ना पड़ जाये, इस अध्यादेश के विरोध में आम आदमी पार्टी राज्य स्तर पर प्रदर्शन करेगी साथ ही प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों एवं विधानसभा स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा .प्रदेश संगठन उपसमिति सदस्य गिरीश शर्मा ने बताया की देश की यह पहली सबसे भ्रष्टतम सरकार होगी जो प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के मुंह पर भी पट्टी लगाने की कोशिश कर रही है जिस पर आम आदमी पार्टी को विश्वास है कि राजस्थान के सभी मीडिया संस्थान और पत्रकार इस काले कानून के खिलाफ मजबूती के साथ खड़े होंगे ।
यह अध्यादेश संविधान में दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है ।आम आदमी पार्टी स्वतंत्र मीडिया की पक्षधर है और देश में आज तक जितने भी घोटाले खुले हैं वह सब मीडिया ही सामने लेकर आई है ।सरकार जनता के धन का सद्पयोग कर रही है या दुरुपयोग , इससवाल से सरकार बच नहीं सकती । इस सवाल को कानून के डंडे से रोकना, दरअसल राज्य में प्रजातंत्र और मीडिया का गला घोंटना है । महारानी ने ये अध्यादेश ला कर जनता को बता दिया है कि वो शासन करने की कूवत नहीं रखती। साफ हो गया है कि महारानी की सरकार जानी है।