3 साल बाद भी एसओजी ने अनुसंधान रखा लम्बित
जयपुर। जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियों के मामले में एक बार फिर एसओजी ने एक महिला सहित 4 अभियुक्तों के खिलाफ सीएमएम कोर्ट में तितम्बा चार्जशीट पेश की है। 17 दिसम्बर, 2०14 को एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही एसओजी ने एक बार फिर सीआरपीसी की धारा 173/8 में अनुसंधान लम्बित रखा है।
मामले में अब तक गिरफ्तार हुए सभी 1० आरोपी जमानत पर आजाद है। जांच अधिकारी एएसपी रामदेव जलवानियां ने 14 अप्रेल, 2०15 को गिरफ्तार किये गये जोधपुर के श्ौलेन्द्र माहेश्वरी, 22 सितम्बर, 2०16 को गिरफ्तार की गई नोयडा की सन्ध्या नागौरी, 2 दिसम्बर, 2०16 को गिरफ्तार किये गये वैशालीनगर-जयपुर के डॉ. श्यामलाल आनन्द एवं 29 दिसम्बर, 2०16 को गिरफ्तार किये गये श्रीगंगानगर के पवन कुमार सोनी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। सीएमएम अजय गोदारा ने चालान स्वीकार कर ट्रायल के लिए केस एसीएमएम-15 कोर्ट में ट्रांसफर कर 5 दिसम्बर की तारीख दी है। 25००3 फर्जी अंकतालिकायें जारी करने के इस मामले में एसओजी 2० दिसम्बर, 2०14 को श्यामसिंह मीणा, दर्शिल अजमेरा व मनोज पारीक को, 8 जनवरी, 2०15 को यूनिवर्सिटी चेयरमैन कमल मेहता को, 3 फरवरी, 2०15 को अशोक सारण को एवं 13 मार्च, 2०15 को पुनीत गौडावत को गिरफ्तार किया था। जांच में यह साबित हुआ था कि कमीशन काटने के बाद जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी में 16.42 करोड़ रुपए जमा हुए थ्ो।