नयी दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बच्चों को जीवित जलाने के बाद दंपती द्वारा आत्मदाह करने के मामले में आज तमिलनाडु सरकार को नोटिस भेजा है। राज्य के तिरूनलवेली जिले के इस परिवार ने सूदखोरों और पुलिस की कथित प्रताड़ना से दुखी होकर यह कदम उठाया है। आयोग ने एक बयान में कहा कि यह घटना ना सिर्फ ‘‘सकते’’ में डालने वाली है बल्कि यह पुलिस और संबंधित अधिकारियों में जिम्मेदारी की कमी और लापरवाही का प्रतीक है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। तिरूनलवेली में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर 23 अक्तूबर को दंपती इसाक्की मुत्तु और सुब्बुलक्ष्मी नेअपने दो और पांच साल के बच्चों को जीवित जलाकर स्वयं आत्मदाह कर लिया था। घटना में पत्नी और बच्चों की मौत हो गयी है।
पुलिस का कहना है कि इसाक्की मुत्तु की मौत आज तिरूनलवेली के सरकारी अस्पताल में हो गयी। जिलाधिकारी से बार-बार सूदखोरों की प्रताड़ना से बचाने का अनुरोध अनसुना होने के बाद दंपती ने यह कदम उठाया। आयोग ने इस संबंध में मिली शिकायत के आधार पर नोटिस भेजा है। उसका कहना है कि स्थानीय पुलिस भी शिकायतों पर कार्रवाई करने के स्थान पर पीड़ित परिवार को प्रताड़ित कर रही थी। आयोग ने कहा, ‘‘यह प्रतीत होता है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में सूदखोरों द्वारा बहुत ज्यादा ब्याज दर वसूला जा रहा है। इस कारण कर्जदार सूद नहीं चुका पाते हैं और शारिरिक तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित होते हैं।’’ उसने कहा, ‘‘इसके अलावा संबंधित अधिकारी इन मामलों समुचित कदम नहीं उठा रहे हैं। पुलिस भी सूदखोरों के साथ मिलकर लोगों को परेशान कर रही है।’’