जयपुर। अदालत के आदेश देने के बाद भी अन्य पिछडा वर्ग की सूची का पुन: परीक्षण नहीं करने पर राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश के एस झवेरी और न्यायाधीश वी के व्यास की खंडपीठ ने केन्दीय केबीनेट सचिव पी के सिंह, राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग चैयरमेन, राज्य के मुख्य सचिव अशोक जैन, अतिरिक्त मुख्य सामाजिक न्याय सचिव जे सी मोहंती और राज्य पिछडा वर्ग आयोग के चेयरमैन जे आर गोयल को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
अवमानना याचिकाकर्ता मूलसिंह व अन्य ने अधिवक्ता शोभित तिवाड़ी ने हाईकोर्ट को बताया कि 1० अगस्त 2०15 को जाट आरक्षण पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि वह किसी जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने या निकालने के संबंध में लंबित आपत्तियों से प्रभावित हुए बिना केन्द्ग व राज्य की ओबीसी सूची का अध्ययन करें और आंकडे एकत्रित कर उनका पुन: परीक्षण करे। लेकिन इस आदेश की पालना नहीं की गई है। केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में गुजरात व पंजाब हाईकोर्ट में मामला लंबित है। राजस्थान सरकार ने तो ऐसी समीक्षा करने से ही इंकार कर दिया। आरोप है कि ओबीसी सूची का पुन: परीक्षण किए बिना 23 अगस्त को भरतपुर और धौलपुर के जाटों को आरक्षण का लाभ भी दे दिया गया। वहीं अब सरकार ओबीसी के आरक्षण को 21 से बढ़ाकर 26 प्रतिशत कर रही है।