नयी दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आज भाजपा सरकारों पर भ्रष्ट लोगों का ‘‘बचाव’’ करने और धनी लोगों को काले धन का शोधन करने के लिए ‘‘प्रोत्साहित’’ करने का आरोप लगाया। पार्टी के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के आगामी अंक में लिखे एक संपादकीय में पोलितब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात ने कहा कि हाल के समय में तीन घटनाएं हुई हैं जिनमें केंद्र सरकार का पैन-आधार का ब्यौरा जमा किए बिना सोने के आभूषण खरीदने की ऊपरी सीमा बढ़ाना, राजस्थान सरकार का आपराधिक कानून अध्यादेश लाना और जय शाह की कंपनी को लेकर आयी मीडिया की रिपोर्ट शामिल हैं।
पार्टी के पूर्व महासचिव ने कहा, ‘‘काले धन एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े बयानों के उलट मोदी सरकार और भाजपा असल में भ्रष्टाचार का बचाव करने एवं धनी लोगों को काले धन के शोधन की मंजूरी देने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। हाल के समय में इस तरह की तीन घटनाएं हुई हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने पैन-आधार कार्ड का ब्यौरा दिए बिना सोने के आभूषण खरीदने की ऊपरी सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी है और ‘‘इस उपाय को कमजोर कर सरकार ने काले धन से लड़ने के अपने खुद के दावे को कमतर किया है।’’ माकपा नेता ने कहा कि दो लाख रुपये से कम से आभूषण की खरीद कर लोग काले धन को बदल सकते हैं, धन शोधन कर सकते हैं। उन्होंने राजस्थान की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नयी अधिसूचना का उद्देश्य ‘‘सरकारी कर्मचारियों, न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों को भ्रष्टाचार के आरोपों से बचाना’’ है। करात ने कहा कि राजस्थान सरकार के कदम का व्यापक विरोध होने के बाद प्रदेश विधानसभा ने विधेयक को प्रवर समिति के पास भेज दिया लेकिन अध्यादेश अब भी प्रभाव में है।
उन्होंने जय शाह की कंपनी से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट की तरफ भी इशारा करते हुए कहा कि शाह की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति से पता चलता है कि ‘‘मोदी सरकार मामले की जांच कराने की बजाए अमित शाह के बेटे की उनकी कारोबारी लेन देन के लिए किसी भी तरह की जांच से बचाने में मदद करने के लिए आतुर है।’’ करात ने कहा कि मोदी सरकार के केंद्र की सत्ता में आए साढ़े तीन साल हो गए लेकिन तब भी उसने कानून के अनुरूप लोकपाल का गठन करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए।