मुम्बई। मशहूर लेखक और गीतकार जावेद अख्तर को हृदयनाथ मंगेशकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अख्तर को कल रात एक कार्यक्रम में यह पुरस्कार मिला जो हृदयेश आर्ट्स की 28 वीं जयंती और प्रख्यात संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर की 80 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया था। अख्तर ने कहा कि यह पुरस्कार उनके सर्वोच्च सम्मानों में एक है क्योंकि यह मंगेशकर परिवार की ओर से है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसी सभागार में ‘जंजीर’ के लिए अपना पहला पुरस्कार ग्रहण किया था।मैंने कई पुरस्कार ग्रहण किये लेकिन यह सबसे खास है। मंगेश परिवार से पुरस्कार मिलना अविश्वसनीय है, आप उनके बगैर भारत के संगीत के बारे में सोच भी नहीं सकते।’’ अख्तर(72) ने इस बात को याद किया कि गीतकार के रुप में उनके सफर में कैसे लता मंगेशकर ने अहम भूमिका निभायी।
उन्होंने कहा, ‘‘यश चोपड़ा साहब मेरे घर आए और उन्होंने मुझसे कहा कि वह ‘सिलसिला’ बना रहे हैं और मुझे गाने लिखने चाहिए… मैंने यह कहते हुए मना कर दिया कि मैं केवल अपने लिए कविताएं लिखता हूं और पटकथा लेखन काफी है। लेकिन उन्हें जिद किया और मुझे गीतकार बना दिया। ’’ अख्तर ने कहा कि उन्हें पता चला कि यह लता मंगेशकर ही थीं जिन्होंने चोपड़ा को ‘‘सिलसिला’’ के लिए बतौर गीतकार उनका नाम सुझाया था क्योंकि शाहिर लुधियानवी गुजर चुके थे। इस मौके पर लता ने कहा कि अख्तर जैसे लोगों के गाने गाना उनके लिए सौभाग्य की बात है और उनका पसंदीदा गाना ‘सिलसिला’ का ‘ये कहां आ गये हम’ है।