नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के पांच सौ और एक हजार रुपए की नोटबंदी को फैसले को आज गुरुवार को एक महीने हो गया है। आज भी विपक्षी दल सरकार के इस फैसले के लिए एकजुट खड़े हुए हैं। ना तो लोकसभा और ना ही राज्यसभा चलने दे रहे हैं। शीतकालीन सत्र में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब हंगामा नहीं हुआ हो। विपक्ष लगातार विरोध पर अड़ा हुआ है। गुरुवार को भी संसद में नोटबंदी को लेकर जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में जोरदार हंगामे के बीच संसदीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्ष जवाब सुनना नहीं चाहता है। विपक्षी दल हम पर आरोप लगा रहे हैं और जब हम जवाब देने के लिए खड़े हो रहे हैं तो कार्यवाही में बाधा डाली जा रही है। ऐसे कैसे संसद का कामकाज चलेगा। हंगामे के चलते दोपहर दो बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी गई। बाद में भी हंगामा होता रहा। उधर, नोटबंदी फैसले को एक महीना होने के कारण गुरुवार को कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल ब्लैक डे मना रहे हैं। संसद परिसर में विपक्षी नेताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेन्द्र मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि पीएम मोदी नोटबंदी मामले पर संसद में चर्चा से बचने के लिए भाग रहे हैं और हम उन्हें भागने नहीं देंगे। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार खुद स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने नोटबंदी का फैसला किस लिए लिया। आतंकवादियों को मिल रहे पैसे को रोकने के लिए लेकिन आतंकियों के पास से नए नोट मिल रहे हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कैशलेस इकोनॉमी के नाम पर पीएम मोदी कुछ बड़ी कंपनियों को लाभ पहुंचा रहे हैं। इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब लोगों को हुआ। सारा कामकाज और कारोबार ठप पड़ा हुआ है। राहुल गांधी ने कहा कि अगर मुझे लोकसभा में बोलने दिया गया तो मैं सबको बता दुंगा कि पेटीएम कैसे पे टू मोदी होता है।

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