नयी दिल्ली। सीबीआई ने 5,585 करोड़ रुपये से अधिक राशि के ऋण में चूक के मामले में स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है। कंपनी के खिलाफ वरिष्ठ कर अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने का मामले में जांच पहले ही चल रही है। एजेंसी ने गुजरात की स्टर्लिंग बायोटेक, इसके निदेशक चेतन जयंतीलाल संदेसारा, दीप्ति चेतन संदेसारा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंती लाल व विलास जोशी, चार्टर्ड एकाउंटेंट हेमंत हथी, आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग तथा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई का आरोप है कि कंपनी ने आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले समूह से 5000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिया जो कि बाद में एनपीए में बदल गया। प्राथमिकी के अनुसार समूह कंपनियों के खिलाफ 31 दिसंबर 2016 तक 5,383 करोड़ रुपये का बकाया था।
इसमें आरोप है कि कंपनी के निदेशकों ने अपने चार्टर्ड एकाउटेंट के साथ मिलकर कंपनी के रिकार्ड में हेराफेरी की।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप में अगस्त में कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उस प्राथमिकी के मुताबिक आयकर अधिकारियों ने 28 जून 2011 को स्टर्लिंग बायोटेक लि के 25 ठिकानों पर छापे मारे थे। इस कार्रवाई में एक डायरी मिली थी जिसमें धन के लेनदेन की प्रविष्टियां हाथ से दर्ज की गयी थीं। इनमें से संबंधित कुछ नामों में आगे आईटभी या कमिश्नर आदि शब्द जोड़े गए थे । मौजूदा मामले में सीबीआई ने नामजद लोगों पर आपराधिक षडयंत्र रचने, धोखाधड़ी , जालसाजी और भष्टाचार आदि के आरोप लगाए हैं।