नयी दिल्ली । केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने दिल्ली सहित 16 महानगरों में घरेलू कामगारों और निर्धन शहरी कुशल श्रमिकों को रोजगार दिलाने की ऑनलाइन सेवा शुरू की है। मंत्रालय ने दीनदायाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई एनयूएलएम) के अंतर्गत न्यूनतम मासिक वेतन के साथ रोजगार की गारंटी देने वाली यह सेवा निजी क्षेत्र के सहयोग से शुरू करने की पहल की है। इसके लिये आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में आज मंत्रालय ने रोजगार के ऑनलाइन अवसर मुहैया कराने वाली कंपनी अर्बनक्लैप के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस सेवा के लिये मंत्रालय और अर्बनक्लैप के बीच हुये करार की अवधि पांच साल होगी और यह आज से ही प्रभावी हो गयी है। इसमें 16 महानगरों में घरेलू सहायक मुहैया कराने और कुशल कामगारों को उनके प्रशिक्षण के अनुरूप रोजगार दिलाने की ऑनलाइन सेवा मुहैया करायी जायेगी। यह सेवा दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर मुंबई, थाणे, नवी मुंबई, पुणे, कोलकाता, हैदराबाद, सिकंदराबाद, बेंगलुरू, अहमदाबाद और चेन्नई में मुहैया करायी जायेगी।
करार के तहत अर्बनक्लैप ने रोजगार पाने वाले प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और बढ़ई को 15 हजार रुपये और घरेलू उपकरणों की मरम्मत करने वाले मिस्त्री, ब्यूटी और स्पा थेरेपिस्ट को 25 हजार न्यूनतम मासिक वेतन मुहैया कराना सुनिश्चित किया है। अर्बनक्लैप पिछले तीन साल से बीमा और अन्य ऑनलाइन सेवाओं के उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की क्षतिपूर्ति मुहैया कराने की ऑनलाइन सेवा मोबाइल एप के जरिये मुहैया करा रही है। जरूरतमंद कामगार और कुशल श्रमिक रोजगार जरूरतों की पूर्ति के लिये अर्बनक्लैप तक मोबाइल एप के जरिये पहुंच सकेंगे। पुरी ने इस पहल को सार्थक बताते हुये अर्बनक्लैप से इस सेवा का विस्तार सभी राज्यों की राजधानी और पांच लाख से अधिक आबादी वाले 106 शहरों तक करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस सेवा के तहत डीएवाई एनयूएलएम के अंतर्गत प्रशिक्षित कुशल कामगारों को रोजगार के अवसर मुहैया कराये जायेंगे। इस अभियान के तहत रोजगार पाने वाले कुशल कामगारों का मौजूदा स्तर 35 प्रतिशत है। पुरी ने कहा कि इस करार की मदद से रोजगार का स्तर बढ़ाने में उल्लेखनीय कामयाबी मिलेगी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2016-17 में डीएवाई एनयूएलएम के अंतर्गत 401654 लोगों को कुशल कामगार के लिये प्रशिक्षित किया गया, इनमें से अब तक 139970 कामगार पूर्ण प्रशिक्षित होकर रोजगार पाने के लिये तैयार हैं।