जयपुर। आखिरकार जयपुर के मेयर पद पर अशोक लाहोटी की ताजपोशी हो गई है। भाजपा पार्षदों ने सर्वसम्मति से लाहोटी को अपना नेता मानते हुए मेयर पद पर सहमति जताई। लाहोटी ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। हालांकि निर्दलीय सुशील शर्मा ने भी मेयर पद के लिए नामांकन दाखिल किया है, लेकिन बोर्ड में पर्याप्त बहुमत होने के कारण लाहोटी का मेयर बनना तय है। दो साल पहले भी जब नगर निगम जयपुर में भाजपा पूरे बहुमत के साथ आई थी, तब भी सबसे प्रबल दावेदार लाहोटी ही थी, लेकिन तब स्वायत्त शासन मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने निर्मल नाहटा पर हाथ रखकर बाजी पलट दी थी। अब दो साल बाद राजपाल सिंह का विभाग बदला तो निर्मल नाहटा की किस्मत भी पलटी खा गई और उन्हें मेयर पद से हाथ धोना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम में अशोक लाहोटी की किस्मत फिर से उभरी और वे मेयर पद पर आसीन हो गए। इनके मेयर बनते ही जयपुर में उनके समर्थकों में खासी खुशी देखी गई है, खासकर सिविल लाइंस के कार्यकर्ताओं को जोश देखते बनता है। इस क्षेत्र से हजारों कार्यकर्ताओं ने नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान मौजूदगी दिखाकर अभी से संकेत भी दे दिए हैं कि मेयर के बाद अब उनकी नजर सिविललाइन्स विधानसभा सीट पर रहेगी। अगर वे सफलता पूर्वक कार्य करते रहे तो लाहोटी इस सीट से तगड़े दावेदार हो सकते हैं। वर्तमान विधायक और मंत्री अरुण चतुर्वेदी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। खैर अभी यह कयास ही है। विधानसभा चुनाव अभी दूर है। वैसे अशोक लाहोटी मेयर बनने में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी का सबसे ज्यादा हाथ बताया जा रहा है। उपमहापौर और निगम समितियों के चेयरमैन भी बदलने की चर्चा है। कुछ वरिष्ठ सदस्य व चैयरमेन को छोड़कर शेष समितियों में बदलाव संभव है।

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