मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने केंद्र द्वारा की गयी नोटबंदी की कवायद काअसली मकसद जानने के लिये संयुक्त संसदीय समिति से मामले की जांच की मांग की है।वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने देश में डिजिटल भुगतान कंपनियों के लिये एक नियामक तंत्र बनाने की भी मांग की।चव्हाण ने पीटीआई को बताया, ह्यह्यनोटबंदी के बाद जब समय बीता तो एक अलग परिदृश्य सामने आया, जो आठ नवंबर (पिछले साल) कोइस कवायद की घोषणा करते हुये प्रधानमंत्री द्वारा किये गये शुरूआती दावों के विरोधाभासी है।
यह आवेग में लिया गया फैसला था जिससेदेश को नुकसान हुआ।ह्णह्ण उन्होंने आरोप लगाया कि उच्च मूल्य वाले करेंसी नोटों को बंद करने के पीछे जो शुरूआती दावे किये गये थे वे सहीसाबित नहीं हुये तब गोलपोस्ट को ही बदल दिया गया।चव्हाण ने कहा, ह्यह्यआरबीआई ने जब कहा कि पूरी रकम व्यवस्था में वापस आ गयी है, उसके बाद जेटलीजी (वित्त मंत्री अरूण जेटली) ने कहाथा कि नोटबंदी के पीछे मंशा डिजिटाइजेशन थी। अब सवाल उठता है कि, क्या प्रधानमंत्री को असली मंशा की जानकारी थी या उन्हें अंधेरे मेंरखा गया।