जयपुर। कर विवाद संबंधी बिन्दु को तय करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश के एस झवेरी, न्यायाधीश एम.एन. भंडारी और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की वृहदपीठ ने आदेश में कहा है कि सीबीडीटी वर्ष 2०15 में जारी परिपत्र के अनुसार 2० लाख रुपए से कम मुल्य के प्रकरणों में अपील नहीं कर सकता, भले ही संबंधित प्रकरण उच्चतम न्यायालय या हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित ही क्यों नहीं हो। इस कानूनी बिन्दु पर न्यायाधीश के एस झवेरी व न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एक राय थी कि 2० लाख रुपए से कम मुल्य वाले प्रकरणों की अपील नहीं हो सकती, लेकिन यदि विभाग चाहे तो अलग से रिट पेश कर सकता है। जबकि न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने अपना अलग आदेश देते हुए कहा कि यदि प्रकरण उच्चतम न्यायालय या हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित है तो परिपत्र के अपवाद के रूप में उसकी अपील की जा सकती है।
यह था मुद्दा
2०15 में सीबीडीटी ने मुकदमों में कमी के लिए यह परिपत्र जारी किया था कि 15 से 2० लाख रुपए से कम मूल्य वाले प्रकरणों में अपील नहीं की जाएगी। इसी मामले में हाईकोर्ट का यह मत आ चुका था कि किसी विषय पर सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट का फैसला पहले आ चुका है और अदालत में लंबित अपील उस फैसले से प्रभावित है तो कोर्ट का फैसला ही प्रभावी रहेगा। इस फैसले पर विवाद उठा की जब मुकदमों को कम किया जाना है तो परिपत्र लागू होगा या अदालत का फैसला? इस कानूनी बिन्दू को तय करने के लिए मामला वृहदपीठ के समक्ष भेजा गया।