जयपुर: संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध करने वालों में आज राजस्थान की मंत्री किरण माहेवश्वरी भी शामिल हो गयीं। श्री राजपूत करणी सेना ने फिल्म की रिलीज के खिलाफ एक दिसंबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। राजस्थान राज्य महिला आयोग (आरएससीडब्ल्यू) ने भी सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर ‘कानून और व्यवस्था को लेकर’ भंसाली की फिल्म से जुड़े ‘संशय’ को खत्म करने की मांग की है। दक्षिण भारत में भी फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है। करणी सेना के सदस्यों ने बेंगलुरु में प्रदर्शन किया।
जयपुर में करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह काल्वी ने कहा कि अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का कथित बयान भड़काऊ है, जिसमें उन्होंने कहा है कि फिल्म को रिलीज होने से कोई नहीं रोक सकता। अभिनेत्री फिल्म में रानी की भूमिका में नजर आएंगी। काल्वी ने कहा, ‘‘दीपिका पादुकोण का बयान उकसाने वाला है और मैं इसे चुनौती के रूप में लेता हूं इसलिए मैंने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है।’’ उन्होंने धमकी के लहजे में कहा, ‘‘ये जौहर की ज्वाला है। रोकना है तो पद्मिनी को रोक लो।’’ राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री माहेश्वरी ने कहा कि वह फिल्म का कड़ा विरोध करती हैं और दावा किया कि यह पूरी तरह से रुपये बनाने और मनोरंजन की कोशिश है।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा कि रानी पद्मिनी ने 16,000 महिलाओं के साथ जौहर किया था। उन्होंने लिखा, ‘‘रानी पद्मिनी महिलाओं के शौर्य व स्वाभिमान की प्रतीक है। उनका अपमान किसी को भी स्वीकार नहीं होगा।’’ इसी बीच राजस्थान महिला आयोग की प्रमुख सुमन शर्मा ने सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर शांति-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए फिल्म से जुड़ी शंकाएं दूर करने का आग्रह किया है।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी को पत्र लिखकर शर्मा ने कहा है कि उसे यह देखने की जरूरत है कि फिल्म से किसी महिला की गरिमा को ठेस ना पहुंचे। राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में प्रदर्शनों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है। श्री राजपूत करणी सेना के सदस्यों ने दावा किया कि राजपूत समुदाय या हिन्दू संगठन ही नहीं वरन मुस्लिम नेता भी फिल्म के विरोध में आ गए हैं।