लखनऊ। उत्तरप्रदेश सरकार चुनावों से पहले रोज नयी-नयी घोषणाए कर रही है। गुरूवार को सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया है। अखिलेश सरकार के मंत्रिमंडल में भी यह प्रस्ताव मजंूर हो चुका है।
चुनावी तोफों के इस दौर में बुधवार को अखिलेश सरकार द्वारा कई योजनाओं की धोषणा की गई थी। जिसमें राज्यकर्मियों की तरह सहायता प्राप्त स्वायत्तशासी संस्थाओं,शैक्षिक संस्थानों व निगमों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों के मामले में पति-पत्नी दोनों को मकान किराया भत्ता देनें की घोषणा की गई है। साथ ही अब भुर्तिया जाति के लोगो को भी सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्गो की तरह आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। पिछले कई वर्षो से यूपी की तमाम पिछड़ी जातियों से इस प्रकार की मांग आती रही है। जिनको ध्यान में रखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है।फैसले के अनुसार उत्तर प्रदेश लोक सेवा में अब अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में अहीर,यादव,यदुवंशी,ग्वाला के साथ-साथ भुर्तिया जाति को भी शामिल किया गया है। इस विषय को लेकर पहले विवाद भी रहा है।जो कि अब और बढ़ सकता है,क्यों कि 17 नई जातियों को शामिल करने से अनुसुचित जातियों को मिलने वाला कोटा अब ज्यादा जातियों में बंट गया जायेगा।