Reservation should be given only under constitutional framework: Naqvi

हैदराबाद। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुसलमानों में पिछड़े वर्गों की खातिर आरक्षण की सीमा बढ़ाने के तेलंगाना सरकार के प्रस्ताव को आज ‘लॉलीपॉप’ कहकर खारिज कर दिया और कहा कि आरक्षण संविधान के ढांचे के तहत ही दिया जाना चाहिए। तेलंगाना विधानमंडल ने अप्रैल में एक विधेयक पारित किया था जिसमें सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जनजातियां और मुसलमानों के पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाने का प्रस्ताव है। विधेयक के तहत अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण वर्तमान से बढ़कर 10 फीसद, मुसलमानों के पिछड़ा वर्गों के लिए वर्तमान चार फीसद से बढ़कर 12 फीसद हो जाएगा। भाजपा छोड़कर सभी दलों ने ने तेलंगाना पिछड़ा वर्ग, अनुसूजित जाति, जनजाति ( राज्य के तहत शिक्षण संस्थानों में सीटों और सेवाओं में नियुक्तियों एवं पदों में सीटों का आरक्षण) विधेयक, 2017 का समर्थन किया था।

नकवी ने कहा, ‘‘आरक्षण…आपको संविधान के ढांचे के तहत ही देना होगा। यदि संविधान उसकी इजाजत नही देता तब यह वोटों के लिए बस लॉलीपॉप है। मैं समझता हूं कि इससे कोई मदद नहीं मिलेगी।’’ उन्होंने कहा कि संविधान में यह स्पष्ट है कि 50 फीसद से अधिक आरक्षण संभव नहीं है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले मंत्री ने कहा, ‘‘यदि आप लॉलीपॉप देने का प्रयास कर रहे हैं तो अदालत उसे रोक देगी। तब आप कहेंगे कि हम ऐसा करना चाहते थे लेकिन अब हम क्या करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप लोगों को गुमराह करने के लिए गाहे-बगाहे गैर-मुद्दे को मुद्दा बना रहे हैं। अब मुसलमान समझते हैं कि इस प्रकार के राजनीतिक तिकडमों के माध्यम से कभी तेलंगाना तो कभी अन्य राज्य या कुछ धर्मनिरपेक्ष सिंडिकेट बस वोट हथियाने का प्रयत्न कर रहे हैं। ’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘आप मुसलमानों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तीकरण के लिए काम क्यों नहीं करते। क्या आप सोचते हैं कि ऐसे काम कर आपको वोट नहीं मिलेगा।’’

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