MJSA will be successful only by quality of work: CM

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (एमजेएसए) के तहत बनाए जा रहे जलग्रहण ढांचों के निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करना ही इस महत्वाकांक्षी अभियान की सफलता है। राजे सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर एमजेएसए के तीसरे चरण की तैयारियों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। प्रदेश के मरूस्थलीय जिलों में अभियान का तीसरा चरण 9 दिसम्बर से, गैर मरूस्थलीय जिलों अलवर, अजमेर और भीलवाड़ा में 15 दिसम्बर से तथा शेष गैर मरूस्थलीय जिलों में अगले वर्ष 20 जनवरी से शुरू होगा।
ग्रामीण इलाकों में प्रचार-प्रसार की मॉनिटरिंग पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को पेयजल तथा कृषि कार्यों के लिए पानी की उपलब्धता में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू किये गये इस अभियान को आमजन का अभूतपूर्व समर्थन मिला है। जनसहभागिता से एमजेएसए देश और दुनिया में चर्चा का विषय बना है। उन्होंने एमजेएसए के प्रचार-प्रसार के लिए ग्रामीण इलाकों में अभियान की नियमित मॉनिटरिंग पर भी जोर दिया। बैठक में राजस्थान नदी बेसिन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री श्रीराम वेदिरे ने एमजेएसए के अगले चरण की तैयारियों पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि तीसरे चरण में विभिन्न जिलों में कुल 4 हजार 240 गांवों में जल संग्रहण ढांचे विकसित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिये जिला स्तर पर विस्तृत कार्ययोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने और स्वीकृत करने का काम तेज गति से चल रहा है।

जिला स्तरीय कार्यक्रमों में उपस्थित रहें प्रभारी मंत्री, सचिव
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिला कलक्टर डीपीआर बनाने के काम को प्राथमिकता से पूरा करें ताकि अभियान का अगला चरण तय समय पर शुरू हो सके। उन्होंने सभी जिलों में चिन्हित जगहों पर होने वाले जिला स्तरीय शुभारम्भ कार्यक्रमों में प्रभारी मंत्रियों, सचिवों और अन्य जनप्रतिनिधियों को उपस्थित रहने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार उपखंड तथा ग्राम पंचायत स्तर पर भी विशेष आयोजन कर अधिक से अधिक लोगों को अभियान में शामिल किया जाए।
बावड़ियों के संरक्षण के कार्य सराहनीय
राजे ने कहा कि नये चरण के लिए बन रहे डीपीआर के प्रस्ताव संबंधित ग्रामसभाओं में विचार कर स्वीकृत कराये जाने चाहिएं। उन्होंने मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे अभियान में विभिन्न धार्मिक-सामाजिक संगठनों, स्थानीय दानदाताओं, निजी कम्पनियों तथा जनप्रतिनिधियों आदि की भागीदारी बढ़़ाने के लिए विशेष प्रयास करें। उन्होंने अब तक के चरणों में हुए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि बावड़ियों के संरक्षण के लिए हुए प्रयासों को आगे भी जारी रखा जाना चाहिए। बैठक में पीएचईडी मंत्री सुरेन्द्र गोयल, वन मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, शहरी विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी, मुख्य सचिव अशोक जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण एनसी गोयल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डीबी गुप्ता एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास पंचायतीराज, प्रमुख शासन सचिव कृषि श्रीमती नीलकमल दरबारी, प्रमुख शासन सचिव स्वायत्त शासन डॉ. मंजीत सिंह, प्रमुख शासन सचिव पीएचईडी रजत मिश्र, प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन शिखर अग्रवाल, पंचायतीराज सचिव नवीन महाजन और आयुक्त जलग्रहण अनुराग भारद्वाज सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY