नयी दिल्ली। नोटबंदी के एक साल बाद भी उस दौरान एटीएम सर्विसिंग कंपनियों (सीआईटी) को एटीएम प्रणालियों को पुनर्वव्यवस्थित करने के काम का बैंकों ने अभी तक 25 करोड़ की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है। इन कंपनियों ने नोटबंदी के दौरान अतिरिक्त सेवाओं में एवज में भुगतान किया जाना है। कैश लॉजिस्टिक एसोसिएशन (सीएलए) ने आज यह जानकारी दी।सीएलए के महासचिव यू एस पालीवाल ने कहा कि इन कंपनियों ने पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को एटीएम से निकालने और करीब 1.5 लाख एटीएम को नए पांच सौ और दो हजार रुपये के नोटों के हिसाब से परिवर्तित करने के लिए अतिरिक्त सेवाएं प्रदान की। इस काम में नौ कंपनियां शामिल थीं।
उन्होंने कहा कि इन कंपनियों की ओर से कई बार निवेदन करने के बाद भी अब तक केवल 60 प्रतिशत राशि का भुगतान किया गया है। सीएलए ने इस मुद्दे पर भारतीय बैंक एसोसिएशन (आईबीए) से भी संपर्क किया था। पालीवाल ने कहा कि रिजर्व बैंक ने कंपनियों के प्रयासों को सराहा था और आईबीए ने सदस्य बैंकों को कंपनी के प्रयासों और सेवाओं के एवज में 4000 रुपये प्रति एटीएम का भुगतान करने के निर्देश दिए थे।