लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गैंगस्टर, माफियाओं और संगठित अपराध पर नकेल कसने के मकसद से ‘उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक’ के मसौदे को आज हरी झंडी दे दी। विधेयक को विधानमंडल के कल गुरूवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।योगी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया। बैठक के बाद उर्जा मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘संगठित अपराध पर नियंत्रण पाने के लिए उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2017 :यूपीकोका:’ के मसौदे को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। विधेयक को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि प्रदेश में कानून का राज कायम करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिये जरूरी है कि प्रदेश में गुंडागर्दी, माफियागिरी और समाज में अशांति फैलाने वाले तत्वों को चिह्नित कर उनके खिलाफ विशेष अभियान के तहत कठोर कार्रवाई हो। यूपीकोका को इसी मकसद से लाया जा रहा है। शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय में संगठित अपराधियों, माफियाओं और अन्य सफेदपोश अपराधियों की गतिविधियों पर नियंत्रण के सम्बन्ध में दायर याचिका पर 12 जुलाई 2006 को पारित आदेश के क्रम में माफियाओं की गतिविधियों तथा राज्य सरकार के कार्यों में हस्तक्षेप पर अंकुश लगाने के लिये कानून का प्रारूप न्याय विभाग की सहमति से तैयार किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस विधेयक में 28 ऐसे प्रावधान हैं जो पहले से लागू गैंगस्टर एक्ट में शामिल नहीं हैं। शर्मा ने विधेयक को लेकर ‘भाषा’ को बताया, ‘विधेयक का मकसद अपराध पर अंकुश लगाना है।’ इससे पहले मंत्री ने बताया कि विधेयक के परीक्षण के लिये गृह विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी थी। इसमें अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध) तथा विशेष सचिव (न्याय विभाग) को भी शामिल किया गया था। इस समिति द्वारा परीक्षण के दौरान उच्च न्यायालय के पारित निर्णय तथा महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून-1999 का भी गहन अध्ययन करके इस विधेयक का प्रारूप तैयार किया गया है।