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जयपुर। 3 लाख रुपए के चेक अनादरण को लेकर 11 अप्रेल, 2005 को दायर किये गये मुकदमें में अब 12 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त घनश्याम नाटाणी पुत्र बद्री नाटाणी निवासी नाटाणियों की हवेली, त्रिपोलिया बाजार, जयपुर को 1 साल जेल एवं 6 लाख रुपए के अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। विशिष्ट महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-20 में जज चन्द्र श्ोखर शर्मा ने आदेश में कहा है कि जुर्माना राशि जमा होने पर 5 लाख रुपए परिवादी विपिन नाटाणी निवासी नाटाणियों की हवेली, त्रिपोलिया बाजार को देने एवं एक लाख रुपए राजकोष में जमा कराये जाने के आदेश दिये है।

साथ ही कोर्ट ने कहा है कि मामला आर्थिक अपराध से संबधित है तथा अभियुक्त के उक्त कृत्य से परिवादी को आर्थिक क्षति हुई है। ऐसे अपराधों में छोडने पर अपराधियों का मनोबल समाज में बढेगा और लोगों के बीच आपसी विश्वास समाप्त होगा। मामले में अभियुक्त की बचाव कहानी इतनी ज्यादा असंगत है कि अभियुक्त की कोई मदद नहीं करती है। अभियुक्त ने अंतिम स्तर तक विलंबित करने के प्रयास किया है।

 

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