doctors strike

जयपुर : राजस्थान में सेवारत सरकारी चिकित्सकों की हड़ताल से परेशान मरीजों और उनके परिजनों की परेशानियां और बढ़ सकती है क्योंकि आंदोलनकारी चिकित्सकों ने काम पर लौटने से मना कर दिया है। सरकार के कथित अड़ियल रवैये और दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में गत 16 दिसम्बर से राजस्थान के सेवारत सरकारी चिकित्सक हडताल पर हैं। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के महासचिव डा. दुर्गाशंकर सैनी ने एक बयान में बताया कि यदि सरकार ने गतिरोध खत्म करने की पहल नहीं की तो हड़ताली सेवारत सरकारी चिकित्सकों के समर्थन में निजी अस्पताल आगामी 25 दिसम्बर को एक दिन के काम का बहिष्कार करेंगे।

हड़ताली चिकित्सकों के वकील महेश शर्मा ने कहा कि चिकित्सक तब काम पर लौटेंगे जब उनके खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई बंद होगी। शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि कुछ समय पूर्व चिकित्सा निदेशालय के प्रशासनिक अधिकारी ने एक महिला चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार किया था। महिला चिकित्सक के समर्थन में जो भी चिकित्सक आया सरकार ने उन्हें निशाना बनाया। आंदोलित चिकित्सकों का नेतृत्व कर रहे चिकित्सकों का बिना कारण तबादला कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार को संघ के अध्यक्ष सहित 12 सेवारत सरकारी चिकित्सकों के तबादलों को रद्द करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा समझौते पर अमल नहीं करने सहित विभिन्न मांगों के विरोध में सरकारी सेवारत चिकित्सक का 18 दिसम्बर को सामूहिक अवकाश पर जाना प्रस्तावित था, लेकिन सरकार ने 15 दिसम्बर से ही चिकित्सकों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया, जिसके कारण चिकित्सकों को हड़ताल पर जाना पड़ा।

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