नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग की शिशु हितलाभ योजना और मातृत्व हितलाभ योजना का लाभ लेने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र पेश किए जाने को गंभीरता से लेते हुए जिले के श्रम विभाग ने ऐसे श्रमिकों को कारण बताओ नोटिस जारी करके उनका पंजीयन रद्द करने की तैयारी की है। जिले के श्रम उपायुक्त राकेश द्विवेदी ने बताया कि पिछले एक महीने के आंकड़ों का वेबसाइट पर अपलोड प्रमाण पत्रों से मिलान करने पर पता चला कि शिशु हितलाभ योजना और मातृत्व हितलाभ योजना का लाभ लेने के लिए 204 फर्जी प्रमाण पत्र विभाग में जमा कराए गए।
उन्होंने कहा, “हमने इन प्रमाण पत्रों को जमा करने वाले श्रमिकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने और उनका पंजीकरण रद्द करने का निर्णय किया है। शिशु हितलाभ योजना के तहत बेटी पैदा होने पर 15,000 रुपये, जबकि बेटा पैदा होने पर 12,000 रुपये की धनराशि विभाग में पंजीकृत श्रमिक को दी जाती है। इसी तरह का लाभ प्रसव के उपरांत मां को प्रदान किया जाता है।” द्विवेदी ने बताया कि इन प्रमाण पत्रों को क्लोनिंग करके तैयार किया गया है। श्रम विभाग कठोर कदम उठाकर श्रमिकों को यह संदेश देना चाहता है कि फर्जीवाड़ा किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।