जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल एनकाउंटर की सीबीआई जांच को केन्द्र सरकार राजी हो गई है, लेकिन एनकाउंटर के साथ सावराद हिंसा व तोडफोड मामलों की प्राथमिकी को भी सीबीआई जांच के दायरे में रखने को लेकर विरोध शुरु हो गया है। राजपूत संगठनों ने राजपूत नेताओं व युवाओं पर दर्ज दो प्राथमिकियों को सीबीआई जांच में नहीं रखने के लिए चेताया है। ऐसा होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह शेखावत (गोगामेडी) ने सरकार को चेताया है कि सरकार से हुए समझौते के तहत सिर्फ आनन्दपाल एनकाउंटर की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। राजपूत समाज के नेताओं, युवाओं पर लगे मुकदमों को सीबीआई जांच में शामिल नहीं किया जाए। राजपूत समाज ने सीबीआई जांच के लिए प्रदेश में आंदोलन चलाया था।
यह आंदोलन पूर्णतया शांतिपूर्ण रहा। सरकार से हुए समझौते के मुताबिक आनन्दपाल आंदोलन के दौरान राजपूत समाज के नेताओं व युवाओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने और जेल में बंद युवाओं को छोड़ने की सहमति बनी थी, लेकिन अभी तक सरकार ने ना तो मुकदमें वापस लिए और ना ही युवाओं को छोड़ा है। राजस्थान पुलिस इन मामलों को भी जांच के लिए सीबीआई के पास भेजने की कह रही है, जो गलत है और राजपूत समाज के साथ वादाखिलाफी है। सुखदेव सिंह गोगामेडी ने राज्य सरकार से मांग की कि है कि वह बताएं सीबीआई जांच के लिए कौन-कौन सी प्राथमिकी भेजी है। समाज के प्रतिष्ठित नेताओं पर मुकदमे वापस कब लेगी। गोगामेडी ने चेताया है कि समाज के युवाओं व नेताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया और उन्हें सीबीआई जांच के दायरे में रखा तो फिर से आंदोलन शुरु किया जाएगा।