नयी दिल्ली: निवेशकों ने बैंकों की जमा दरें कम होने तथा सोना एवं रियल इस्टेट क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण 2017 में इक्विटी म्यूचुअल फंड में रिकॉर्ड 1.3 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया। इसी तरह मुद्रा के स्थिर रहने तथा बांड की अच्छी उत्पादकता के कारण विदेशी निवेशकों ने घरेलू ऋणपत्र बाजार में 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारी निवेश के कारण इक्विटी म्यूचुअल फंडों की प्रबंधनाधीन संपत्ति 2016 के 4.7 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2017 में 7.7 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गयी।
ऋणपत्र बाजार के लिए पिछला साल 2014 के बाद का सबसे अच्छा साल रहा। बजाज कैपिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल पारीख ने कहा, ‘‘बैंकों की जमा दरें कम होने और संपत्ति तथा सोना जैसे वैकल्पिक माध्यमों में निवेशकों की दिलचस्पी कम होने से 2017 में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश में तेजी देखी गयी।’’