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नयी दिल्ली : सेना प्रमुख बिपिन रावत ने आज कहा कि सरकार ने शहीदों और कार्रवाई में निशक्त होने वाले सैनिकों के बच्चों के लिए दो बोर्डिंग स्कूल बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि सरकार शहीद और कार्रवाई में निशक्त होने वालों के बच्चों को शैक्षिक सहायता के रूप में 10,000 रूपये प्रतिमाह सहायता देती है और इसे देखते हुए यह पहल की जा रही है। सेना प्रमुख ने कहा कि एक बार स्कूल काम करने लगेगा तो सरकार शैक्षिक सहायता योजना वापस लेने के बारे में घोषणा कर सकती है।

जनरल रावत ने कहा कि दिल्ली संस्कृति स्कूल की तर्ज पर दो शैक्षणिक संस्थान तैयार किए जाएंगे। एक स्कूल पठानकोट में बनाया जाएगा और एक अन्य भोपाल या सिकंदराबाद में बनाया जाएगा। इन स्कूलों में कामकाज शुरू होने में तीन से चार साल का समय लग सकता है।

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