जयपुर । प्रदेश की ग्राम पंचायतों में राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का नाम बदलकर अटल सेवा केन्द्ग करने के राज्य सरकार के 28 दिसंबर, 2०14 के आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एम.एन. भंडारी की एकलपीठ ने रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने सुझाव दिया है कि ऐसे केन्दों के नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर होनें चाहिए। इस संबंध में पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता संयम लोढ़ा ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि नरेगा अधिनियम के तहत वर्ष 2009 में केन्द्ग सरकार ने अधिसूचना जारी कर राजीव गांधी सेवा केन्द्गों के निर्माण का प्रावधान किया था।
ग्राम पंचायतों में राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का निर्माण किया गया। बाद में भाजपा सरकार ने 28 दिसंबर, 2014 को मुख्यमंत्री की मंशा से एक प्रशासनिक आदेश जारी कर इसका नाम बदल कर अटल सेवा केन्द्र कर दिया। जबकि केंद्र सरकार की अधिसूचना को राज्य सरकार मात्र प्रशासनिक आदेश जारी कर बदल नहीं सकती है। ऐसे में सेवा केन्द्रों का नाम बदलने की कार्रवाई अवैध है। राजीव गांधी और अटल बिहारी दोनों ही सम्मानीय हैं, लेकिन इस तरह एक का सम्मान छीनकर दूसरे को नहीं दिया जाना चाहिए। याचिका का विरोध करते हुए सरकार की दलील थी कि सेवा केन्द्ग का नाम बदले के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं है। वर्ष 2013 में ही केंद्र सरकार के स्तर पर इन केन्द्रों का नाम बदलने को लेकर सहमति हो गई थी।