Padmavat case
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जमशेदपुर. राजपूत महिलाओं के एक संगठन ने आज कहा कि उसका इस साल का कलेंडर रानी पद्मावती को समर्पित है। ऐसा पद्मावत फिल्म के निर्माण के विरोध स्वरूप किया गया है। अंतरराष्ट्रीय क्षत्रिय वीरांगना फाउन्डेशन केवीएफ की अंतरराष्ट्रीय महासचिव भारती सिंह ने यहां कहा कि एकेवीएफ ने अपने वार्षिक कैलेंडर का पांचवां संस्करण पद्मावती को समर्पित किया है ताकि रानी के बारे में सही संदेश का प्रसार किया जा सके।

सिंह ने कहा, कैलेंडर को पेश करने का मकसद फिल्म पद्मावत में प्रदर्शित विकृत ऐतिहासिक तथ्यों का प्रतिकार है। सुप्रीम कोर्ट में पद्यावत फिल्म के रिलीज करने के आदेश देने के बाद राजस्थान में राजपूत संगठन व नेताओं ने आंदोलन तेज कर दिया है। वे इस फिल्म पर राष्ट्रव्यापी बैन की मांग कर रहे हैं, साथ ही किसी भी कीमत पर फिल्म रिलीज नहीं होने की चेतावनी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के फिल्म पर लगाए बैन के फैसले को भी रद्द कर दिया है। ऐसे में राजस्थान में भी फिल्म प्रदर्शन का रास्ता साफ हो गया है।

उधर, सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका लगाने का फैसला किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट को आदेश पर पुर्नविचार का आग्रह किया जाएगा। इस फिल्म का सर्वाधिक विरोध राजस्थान में हो रहा है। कई दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अगर फिल्म रिलीज होती है कानून व्यवस्था की स्थिति गड़बड़ा सकती है। ऐसे में सरकार फिल्म पर बैन लगाने की गुहार करेगी। हरियाणा सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका लगाने का फैसला किया है।

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