Suspected dna

लाहौर : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर शहर में हुए सात साल की लड़की के बलात्कार एवं हत्या के बहुचर्चित मामले में मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी पीड़ित लड़की का पड़ोसी था और उसके डीएनए का मिलान पीड़ित के शरीर पर मिले नमूने से हो गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने संवाददाता सम्मेलन में यहां आज बताया कि पुलिस ने इमरान अली को गिरफ्तार किया है जो सीरियल किलर है और उसने ही नाबालिग बच्ची का बलात्कार कर उसका कत्ल किया था।

उन्होंने बताया कि मुल्जिम के डीएनए और पोलीग्राफ टेस्ट का मिलान हो गया है। उन्होंने कहा कि कानून में बदलाव का प्रस्ताव दिया गया है ताकि उसे सार्वजनिक तौर पर फांसी दी जा जा सके। शहबाज ने कहा, ‘‘ समूचे मुल्क की तरह ही मैं भी इस हिमायत में हूं कि इस शैतान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दी जाए लेकिन हमें देखना होगा कि इस बाबत कानून में क्या बदलाव किए जा सकते हैं। मैंने मुख्य न्यायाधीश से मामले को जल्द से जल्द निपटाने की गुजारिश की है ताकि यह सीरियल किलर अपने अंजाम तक पहुंच सके।’’

पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की कि लड़की के पड़ोसी संदिग्ध अली (23) ने जांच टीम के सामने इकबाल-ए-जुर्म कर लिया है।
जियो न्यूज ने सूत्रों का हवाला देते हुये कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञों ने इस बात की पुष्टि की है कि आरोपी अली का डीएनए सैंपल लड़की के शरीर पर मिले नमूनों से मिल रहा है। उसने कहा कि आरोपी का डीएनए उन सात लड़कियों के शरीर पर मिले नमूनों से भी मिल रहा है जिनके साथ पूर्व में ज्यादती हुई और उसके बाद उनकी हत्या की गयी।

सूत्रों के अनुसार अली पीड़ित जैनब के परिवार वालों से घुलामिला हुआ था और अक्सर उसके घर आता-जाता रहता था।
उन्होंने कहा कि अली को दो हफ्ते से ज्यादा समय पहले हिरासत में लिया गया था, लेकिन लड़की के परिवार ने जब कहा कि वह दोषी नहीं हो सकता तो उसे छोड़ दिया गया। पंजाब सरकार के प्रवक्ता मलिक अहमद ने पीटीआई-भाषा से कहा कि अली को पंजाब के पाकपाटन जिले से गिरफ्तार किया गया था। गत पांच जनवरी को लड़की कसूर में अपने घर के पास से ट्यूशन जाते वक्त लापता हो गयी थी। उसके माता पिता उमरा करने के लिए सऊदी अरब गए हुए थे और वह अपनी एक रिश्तेदार के साथ रह रही थी।

अपहरण के बाद एक सीसीटीवी फुटेज में वह पीरोवाला रोड के पास एक अजनबी के साथ जाती दिखाई दी। इसके बाद नौ जनवरी को शाहबाज खान रोड के पास कचरे के एक ढेर से उसका शव बरामद किया। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई। पुलिस ने इस वारदात के बाद 1,000 से ज्यादा लोगों का डीएनए परीक्षण किया। सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को पकड़ने के लिये पुलिस महानिरीक्षक को 72 घंटे की समयसीमा दी थी। घटना के खिलाफ देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।

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