जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली के ट्रांसफार्मरों में आए दिन होने वाले विस्फोट को लेकर लंबित जनहित याचिका को गंभीर मुद्दा बताते हुए इसे वापस लेने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को पांच मार्च तक जवाब पेश करने को कहा है। न्यायाधीश अजय रस्तोगी और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ ने यह आदेश श्योपत प्रजापत की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से याचिकाकर्ता का शपथ पत्र पेश कर कहा गया कि याचिकाकर्ता याचिका को आगे नहीं चलाना चाहता। वहीं इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि याचिकाकर्ता ने उन्हें बिना जानकारी दिए यह शपथ पत्र पेश किया है। यदि अदालत जनहित याचिकाओं को वापस देने की अनुमति देने लगी तो इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए पांच मार्च का समय दिया है। याचिका में शाहपुरा और टोंक सहित अन्य इलाकों में ट्रांसफार्मर विस्फोट से हुई मौतों के मामले को उठाया गया है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गत 18 नवंबर को सरकार से जवाब मांगा था।