जयपुर। अवमानना मामले में गुरुवार को पेश हुए बीजेपी कÞ प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अशोक परनामी को राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश के एस झवेरी और न्यायाधीश वी के व्यास की खंडपीठ ने कहा कि वे प्रदेश अध्यक्ष हैं तो क्या उन्होंने अदालत को खरीद लिया? हाईकोर्ट ने कहा कि उनके बयान एवं मनमर्जी को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। परनामी ने कहा कि अखबार में उनकÞ बयान को पूरा नहीं छापा है।

इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि गलत छपा है तो उन्होंने अखबार को मानहानि का नोटिस क्यों नहीं दिया। परनामी ने कहा कि वे न्यायपालिका का सम्मान करते आए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि सत्ता का मद सिर चढ़कर बोलता है। इससे पहले परनामी के अदालत में पेश नहीं होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए लंच बाद गिरफ्तारी वारंट जारी करने की चेतावनी दे दी। इस पर वे लंच बाद पेश हो गये। उनकÞ वकील के जवाब पेश करने कÞ लिए समय मांगने पर हाईकोर्ट ने कल 23 फरवरी को ही जवाब पेश करने कÞ आदेश दे दिए।

याची पीसी भण्डारी वकील का कहना है कि हाईकोर्ट ने समय समय पर पार्क और ग्रीन बेल्ट की जमीन को बचाने कÞ संबंध में आदेश दिए हैं। मास्टर प्लान कÞ संबंध में जोधपुर हाईकोर्ट 2०17 में पार्क की जमीन को बचाने कÞ आदेश दिए थे। फिर भी विधायक अशोक परनामी ने जवाहर नगर सेक्टर 4 में पार्क की जमीन पर पाकिर्ंग विकसित करने कÞ संबंध में अपनी स्वीकृति दी है। 17 नवंबर, 2०17 को स्थानीय लोगों को कहा कि हाईकोर्ट से स्टे होने कÞ कारण सरकार पार्क में पाकिर्ंग निर्माण नहीं कर सकती है। लेकिन स्थानीय लोग ऐसा करते हैं तो हम आंखें बंद कर लेंगे। बयान न्यायपालिका की साख गिराने वाला एवं आमजन कÞ समक्ष न्यायपालिका की प्रतिष्ठा धूमिल करने वाला है।

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