मुंबई, पंजाब नेशनल बैंक :पीएनबी: में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई की अदालत से अनुरोध पत्र :एलआर: जारी करने की अपील की है। इससे प्रवर्तन निदेशालय हीरा कारोबारी नीरव मोदी के विदेशी कारोबार और संपत्तियों के बारे में विभिन्न देशों की सरकारी एजेंसियों के जरिए सूचना हासिल करने के लिए एलआर जारी कराना चाहता है। मनी लांड्रिंग रोधक कानून :पीएमएलए: अदालत के समक्ष ईडी ने अपनी अपील में पीएमएलए कानून के तहत अनुरोध पत्र जारी करने का आग्रह किया है। ईडी ने कहा कि इससे वह हांगकांग, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर अपराध की कमाई जब्त करने और दस्तावेज तथा सबूत जुटाने में मदद मिलेगी।’’ अनुरोध पत्र एक देश की अदालत द्वारा दूसरे देश की अदालत को जारी किया जाता है।
न्यायमूर्ति एम एस आजमी ने आज विशेष सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर की दलीलों को सुना। निदेशालय ने अदालत को बताया कि नीरव मोदी ने कई कंपनियां बनाई हैं। इनमें डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टेलर डायमंड, फायरस्टार डायमंड शामिल हैं। ईडी ने कहा कि नीरव मोदी एकीकृत हीरा विनिर्माता बन गया था जो बिना तराशे हीरों का आयात करता था और तराशे हीरे और अन्य रत्न तथा डिजाइनर आभूषण बेचता था। ईडी ने अदालत में अपनी अपील में कहा कि नीरव मोदी ने अपना कारोबार अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर तक फैलाया हुआ है। उसने अपनी कंपनियों के लिए पंजाब नेशनल बैंक से समूह की कंपनियों के पक्ष में कई गारंटी-पत्र :एलओयू: हासिल किए जिसमें पीएनबी की ओर से भेजे गए स्विफ्ट (सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस) संदेशों के जरिये उसकी कंपनियों को कर्ज मिला। एजेंसी के अनुसार बाद में बैंक ने पाया कि ये एलओयू फर्जी तरीके से हासिल किए गए और बैंक के रिकार्ड में उनका उल्लेख नहीं था। ईडी ने कहा कि अपनी धोखाधड़ी तथा साजिश की गतिविधि के जरिये उसने 6,498 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई जुटाई। आवेदन में कहा गया है कि उसकी अपराध की कमाई का कुछ हिस्सा विदेशों में रखा हुआ है। सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी और उसकी कंपनियों तथा एक अन्य आभूषण कारोबारी मेहुल चौकसी के खिलाफ प्राथमिकी :एफआईआर: दर्ज की थी। बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले की जांच शुरू की।