1 lakh tivar followers of former Chief Minister Ashok Gehlot

जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा पूर्ववती कांग्रेस सरकार की ओर से लागू की गई मुख्यमंत्री बीपीएल जीवनरक्षा कोष योजना को बंद करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं एवं राज्य के विकास के लिए प्रारंभ की गई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को कमजोर और बंद करने का निंदनीय कृत्य किया। उसके परिणामस्वरूप दो लोकसभा एवं एक विधानसभा चुनाव में आम जनता ने भाजपा को जो सबक सिखाया है उसके बावजूद भी इस प्रकार के निर्णय दुस्साहसपूर्ण है।

अब जनता समझ चुकी है और आने वाले चुनावों में इसका माकूल जवाब देगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य के बीपीएल व समकक्ष परिवारों के असाध्य रोगों से पीड़ित मरीजों के लिये वरदान साबित हुई थी। इस योजना के अन्तर्गत राजकीय चिकित्सालयों में आउटडोर व इन्डोर चिकित्सा सुविधा पूर्ण रूप से निःशुल्क दी गई तथा चिकित्सकीय व्यय की कोई सीमा नहीं थी। साथ ही इस योजना के तहत सन्तानहीन बीपीएल दम्पति को निःशुल्क व एक लाख तक की आय वाले संतानहीन दम्पतियों के इलाज हेतु भी बीस हजार रूपये तक के अनुदान का प्रावधान किया गया था। गहलोत ने कहा कि इस योजना में बीपीएल श्रेणी के परिवारों को राजकीय चिकित्सालयों में सम्पूर्ण इलाज निःशुल्क उपलब्ध कराने के साथ हृदय, केन्सर एवं किड़नी रोग का इलाज चिन्हित निजी अस्पतालों में करवाने पर एक लाख रूपये तक की सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान भी किया गया था, किन्तु भाजपा सरकार ने भामाशाह योजना की आड़ में इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया है जो कि इस वर्ग के लोगों के प्रति कुठाराघात है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं जांच योजना को भी भामाशाह योजना की बली चढाया जा रहा है। न तो निःशुल्क दवायें उपलब्ध हो रही है और न ही समय पर मरीजों की चिकित्सा जांचें हो पा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा इस योजना के बंद करने से इससे जुडे़ संविदाकर्मियों के समक्ष भी रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है, उनको बारे में भी सरकार को संवेदनशीलता के साथ रोजगार का निर्णय लेना चाहिए।

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