Jaipur Night tourism, Amber Fort
Jaipur Night tourism, Amber Fort

-नाइट टूरिज्म के तहत आए 12.2 लाख पर्यटक, 12.2 करोड़ रूपए की हुई विभाग की कुल आय
जयपुर। अपने ऐतिहासिक स्मारकों और समृद्ध लोक संस्कृति के लिए प्रसिद्ध राजस्थान ने अब ‘नाइट टूरिज्म‘ के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। राज्य सरकार द्वारा ‘नाइट टूरिज्म‘ को बढ़ावा देने के लिए राज्य की राजधानी जयपुर से शुरूआत करते हुए इस दिषा में व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। शहर के आमेर महल, अल्बर्ट हॉल, हवामहल और हाल ही में विद्याधर का बाग को शामिल करते हुए अनेक पर्यटक स्थलों पर नाइट टूरिज्म की शुरूआत की गई है। राजस्थान सरकार के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक, हृदेश शर्मा ने यह जानकारी दी।

शर्मा ने आगे बताया कि जब से स्मारकों को रात्रि में देखने की सुविधा की शुरूआत की गई है, तब से इसके तहत कुल 12.2 लाख पर्यटक आकर्षित हुए हैं। इसके तहत 4.27 करोड़ रूपयों के खर्चे से लगायी गई लाइटों के मुकाबले 12.2 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है। इसमें महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आमेर एवं अल्बर्ट हाॅल में नाइट व्यूईंग की शुरूआत वर्ष 2015 में की गई थी, जबकि विद्याधर गार्डन में कुछ समय पूर्व वर्ष 2017 में ही नाइट व्यूईंग आरम्भ किया गया था। निदेषक ने जानकारी दी कि शहर में नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने के तहत विभाग द्वारा शहर के विद्याधर के बाग को रात्रि पर्यटन के लिए उपयुक्त सुविधाओं व आकर्षणों के साथ नया स्वरूप दिया गया है।

350 वर्ष पुराना विद्याधर का बाग अपने हरे-भरे बगीचों, विभिन्न वृक्षों तथा सुंदर फव्वारों के साथ पीले व नीले रंग की रोशनी के साथ जगमग हो उठता है। उल्लेखनीय है कि विद्याधर का बाग शहर के बेहतरीन संरक्षित उद्यानों में से एक है। यह जयपुर के मुख्य आर्किटेक्ट, विद्याधर भट्टाचार्य की याद में बनाया गया था। श्री शर्मा ने बताया कि घाटी की गोद में बसा हुआ यह बाग मनोरम दृश्य प्रदान करता है और यह जयपुर की समृद्ध विरासत और संस्कृति का गौरव भी है। इसके समीप स्थित प्रसिद्ध घाट की गुणी टनल और सिसोदिया रानी का बाग सहित अन्य स्थानों को भी नाईट टूरिज्म की दृष्टि से तैयार करवाया जा रहा है। इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए शर्मा ने बताया कि 16 वीं सदी के शानदार आमेर महल को नाइट टूरिज्म के साथ और अधिक आकर्षक बनाया गया है। विभाग की ओर से शुरू किया गया ‘आमेर बाय नाइट‘ शानदार और मनोरम दृश्य पेष करता है।

विभिन्न रंगों वाली रोषनी इस किले के माहौल एवं सुंदरता में चार चांद लगाती है। शाम 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक चलने वाले ‘आमेर बाय नाइट‘ के जरिए विजिटर्स जलेब चैक, दीवान-ए-आम, मानसिंह महल और शीश महल का जीवंत सफर कर पाते हैं। लाइटों एवं नवीन उपकरणों के जरिए बढ़ाई गई सौम्यता, अतिरिक्त सुरक्षा और कैफे की सुविधा पर्यटकों को सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करते हैं। एलईडी एवं नाॅन-एलईडी लाइट फिटिंग के संयोजन वाली थीम लाइटिंग का विभिन्न त्यौहारों पर दर्षनीय माहौल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। आधारभूत सुविधाओं को बेहतर बनाए जाने के साथ-साथ महल में सीसीटीवी कैमरे, इलेक्ट्रिक वाहन और सेगवे जैसी नवीन व अतिरिक्त सुविधाएं भी जोड़ी गई है। इसके अतिरिक्त, राजस्थान सरकार के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा आमेर किला व अल्बर्ट हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की शुरूआत की गई है।

राजस्थान एवं अन्य राज्यों के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा यहां कथक व अन्य लोक नृत्यों जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। पूर्णिमा के अवसर पर आमेर किला स्थित जलेब चैक व अल्बर्ट हॉल पर कथक प्रस्तुत किया जा रहा है। नाइट टूरिज्म परियोजना में जयपुर की चारदीवारी की रोषनी भी शामिल है। इसमें चारदीवारी के तीन मुख्य बाजारों – चैड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार और जौहरी बाजार की रोशनी शामिल है। इसके अलावा, इस परियोजना में सांगानेरी गेट, न्यू गेट, अजमेरी गेट, त्रिपोलिया गेट, चांदपोल गेट जैसे सभी ऐतिहासिक गेटों को भी शामिल किया गया है, जिन पर थीम बेस्ड लाइटिंग की जाएगी।

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