जयपुर। लोक सेवकों के खिलाफ अदालत में इस्तगासा पेश करने से पूर्व सरकार की अनुमति लेने के मामले में जारी किए गए अध्यादेश के संबंध में सीएम की ओर से दिए बयान को लेकर हाईकोर्ट में पेश आपराधिक अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई 12 अप्रैल तक टल गई है। न्यायाधीश के एस झवेरी और न्यायाधीश वी के व्यास की खंडपीठ ने याची पीसी भंडारी को अवमानना याचिका में छोडी गई कमियों को दूर करने को कहा है।
सीएम एवं गृहमंत्री के खिलाफ याचिका में कहा गया कि सरकार ने 7 सितंबर, 2०17 को एक अधिसूचना जारी कर लोक सेवकों के खिलाफ पेश इस्तगासे को सीआरपीसी की धारा 156(3) में अनुसंधान के लिए पुलिस में भेजने के पूर्व सरकार से स्वीकृति लेने का प्रावधान किया था। इस संबंध में 27 अक्टूबर, 2०17 को छपे सीएम के एक साक्षात्कार में सीआरपीसी की धारा 156 (3) के दुरुपयोग और ऐसे 73 प्रतिशत मामलों को झूठा बताया गया। गृह मंत्री ने भी ऐसा ही समान बयान दिया। इन बयानों से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को आघात लगा है।