जयपुर। एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों की ओर से सोमवार को आहूत भारत बंद के दौरान राजस्थान समेत देश के कई हिस्सों में हिंसा और उपद्रव हुआ। इस दौरान वाहनों में तोड़फोड़ की गई। जबरन बाजार बंद करवाए गए। सामान बाहर बिखेर दिया और दुकानदारों से मारपीट की गई। बसों और ट्रेनों में भारी पथराव किया गया, जिसके चलते कई लोग घायल हुए। राजस्थान में भी एक दर्जन से अधिक स्थानों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। दुकानों में तोडफोड के साथ मारपीट की गई। रोडवेज, लो-फ्लोर बसों में तोडफोड कर दी गई। बसों व निजी वाहनों में आग लगा दी।
राजस्थान के सीकर, करौली, जयपुर, जोधपुर, अलवर, अजमेर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, सिरोही, पाली में बंद समर्थकों का प्रदर्शन जल्द ही कुछ क्षेत्रों में हिंसा में तब्दील होने लगा। हाथों में लाठियां व सरिये लेकर तोड़फोड़ की गई। वाहन तोड़े गए। लोगों से मारपीट की गई। पुलिस को भी ऐसे उग्र प्रदर्शनकारियों को देखते हुए सख्त रवैया अख्तियार करना पड़ा। पुलिस ने लाठीचार्ज करके और आसूं गैस के गोले दागकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। अलवर में तो एक जने पवन की गोली लगने से मौत हो गई। कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाले लोगों पर पुलिस ने सख्ती बरती तो हिंसक प्रदर्शनों पर रोक लगी। हालांकि कई जगहों पर बंद समर्थकों की लोगों व व्यापारियों से झड़प भी हुई।
राज्य में हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए पुलिस ने दर्जनों मुकदमें दर्ज किए हैं और एक हजार से अधिक लोगों को पकड़ा है। जयपुर में 65 लोगों की गिरफ्तारी की गई और सात मामले राजकार्य में बाधा, तोड़फोड़ और आगजनी के दर्ज किए गए हैं। पुलिस अब भी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हिंसा में लिप्त लोगों की धरपकड़ करने में लगी है। दर्जनों लोग चिन्हित किए गए हैं, जिनकी गिरफ्तारी की जाएगी। राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी धरपकड़ चल रही है। हिंसा से प्रभावित कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाएँ भी बंद है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी राजस्थान सरकार से उपद्रव की रिपोर्ट मांगी है।