Under the National Mission, a total of 857 start-ups and 1234 micro, small and medium enterprises have registered themselves in September, 2018 in the campaign launched for registration on public procurement portal GEM.
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delhi.स्‍टार्टअप्‍स के लिए 19 सूत्री कार्य योजना जनवरी 2016 में लांच की गई थी। कार्य योजना में अनेक क्षेत्र जैसे कि सरलीकरण एवं मार्गदर्शन करना, वित्त पोषण संबंधी सहायता एवं प्रोत्‍साहन प्रदान करना, उद्योग-अकादमिक साझेदारी और इन्‍क्‍यूबेशन शामिल हैं। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय इस कार्य योजना के सफल क्रियान्‍वयन के लिए प्रमुख मंत्रालय है।

मई, 2017 में स्‍टार्टअप्‍स की परिभाषा में संशोधन करने और मान्‍यता प्रदान करने की प्रक्रिया में सुधार करने के परिणामस्‍वरूप मान्‍यता प्रमाण पत्र प्रदान करने में लगने वाला समय 10-15 दिन से घटकर वर्तमान में सिर्फ 1-4 दिन हो गया है। इसके परिणामस्‍वरूप वित्त वर्ष 2017-18 में 7968 स्‍टार्टअप्‍स को मान्‍यता प्रदान की गई, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में सिर्फ 797 स्‍टार्टअप्‍स को ही मान्‍यता दी गई थी। जनवरी 2016 से लेकर अब तक औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने कुल मिलाकर 8765 स्‍टार्टअप्‍स को मान्‍यता प्रदान की है। मान्‍यता प्राप्‍त करने वाले स्‍टार्टअप्‍स में से 15 प्रतिशत स्‍टार्टअप्‍स आईटी सेवाओं, 9 प्रतिशत स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं एवं जीवन विज्ञान क्षेत्र, 7 प्रतिशत शिक्षा क्षेत्र, 6 प्रतिशत प्रोफेशनल एवं वाणिज्‍यि‍क सेवाओं और 4 प्रतिशत स्‍टार्टअप्‍स कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। स्‍टार्टअप्‍स के समस्‍त निदेशकों में से 35 प्रतिशत निदेशक महिलाएं हैं। 6954 स्‍टार्टअप्‍स ने 81,264 रोजगारों का सृजन होने के बारे में जानकारी दी है। इसके अलावा, 88 स्‍टार्टअप्‍स को अंतर-मंत्रालय बोर्ड द्वारा कर छूट का दावा करने के लिए प्रमाणित किया गया है।

सरकारी ई-मार्केटप्‍लेस जेम पोर्टल को पूरी तरह से स्‍टार्टअप इंडिया पोर्टल के साथ एकीकृत कर दिया गया है। स्‍टार्टअप्‍स अब अपने उत्‍पादों एवं सेवाओं को ‘जेम’ पर सूचीबद्ध कर सकते हैं और स्‍वत: ही पूर्व कारोबार, अनुभव और बयाना राशि जमा करने के मापदंड पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
टार्टअप्‍स अब पेटेंट दाखिल करने संबंधी शुल्‍कों में 80 प्रतिशत और ट्रेडमार्क दाखिल करने संबंधी शुल्‍कों में 50 प्रतिशत रियायत प्राप्‍त कर सकते हैं। स्‍टार्टअप्‍स अब पेटेंट आवेदनों की फास्ट ट्रैक जांच के साथ-साथ नि:शुल्क सुगमता के लिए भी पात्र हैं। इस उद्देश्‍य के लिए 423 पेटेंट सुविधा प्रदाताओं और 596 ट्रेडमार्क सुविधा प्रदाताओं को नामित किया गया है। इस योजना से 144 त्‍वरित जांच-पड़ताल के साथ 671 पेटेंट आवेदक और 941 ट्रेडमार्क आवेदक लाभान्वित हुए हैं। सिडबी ने 25 वीसी फंडों को 1136 करोड़ रुपये मुहैया कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है, जबकि वीसी फंडों ने इसके बदले में 120 स्‍टार्टअप्‍स में 569 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इन स्‍टार्टअप्‍स ने महिलाओं के लिए 1184 रोजगारों सहित कुल मिलाकर 6515 रोजगारों का सृजन किया है।

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