जयपुर। दलित संगठनों के दो अप्रेल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा और जातिगत आरक्षण के विरोध में दस अप्रेल को आहूत भारत बंद का व्यापक असर देखा गया। जयपुर समेत कई शहरों में बाजार बंद रहे। व्यापारियों ने खुद ही दुकानें बंद रखी और बंद को समर्थन दिया। कानून व्यवस्था के लिए जयपुर समेत आधा दर्जन जिलों में धारा १४४ लगाई गई और जयपुर में तो चौबीस घंटे की इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। जवान चौकसी नजर रखे हुए हैं। बीएसएफ, आरएएफ और आरएसी की कंपनियों के जवान भी मुस्तैदी से गश्त करते रहे। यहीं नहीं बंद को देखते हुए निजी शिक्षण संस्थाओं ने आज की छुट्टी रखी। तोडफोड को देखते हुए परिवहन विभाग ने भी भरतपुर, आगरा, अलवर और दौसा रुट की बसों के परिवहन पर रोक लगाकर रखी। जयपुर के बाजारों में बंद का काफी असर दिखा। व्यापारियों ने स्वेच्छा से ही अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले। बंद के लिए ना तो कोई संगठन और ना ही लोगों को हुजूम सड़कों व बाजारों में दिखा और ना ही रैली नजर आई। फिर भी बाजार व प्रतिष्ठान बंद रहे। परकोटे के अलावा राजापार्क, सांगानेर, सीतापुरा, सोढाला, नंदपुरी, झोटवाड़ा, खातीपुरा, आमेर, वैशाली नगर, मानसरोवर, प्रताप नगर, सीकर रोड, मुरलीपुरा, श्याम नगर, न्यू सांगानेर रोड,चौमू, गोविन्दगढ़, कालाडेरा, चाकसू, विराटनगर, थानागाजी आदि कस्बों में बंद का असर दिखा। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही दुकानें नहीं खुली।
भारत बंद का असर कोटा, जोधपुर, अलवर, दौसा, करौली, जालौर, सिरोही आदि जिलों में दिखाई दिया। इन जिलों में सुबह से ही बाजार बंद रहे। स्कूल-कॉलेज भी नहीं खुले। बंद को देखते हुए डॉ.भीमराव अम्बेड़कर की प्रतिमाओं की सुरक्षा कड़ी रखी गई है। हालांकि दोपहर बाद जयपुर समेत अन्य शहरों में बाजार खुलने लगे। बंद को लेकर कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। शांति से बंद रहा। जिसकी चर्चा प्रदेश भर में रही।