जयपुर। विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष रहे प्रवीण भाई तोगडिय़ा ने सत्रह अप्रेल से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन की घोषणा की है। अहमदाबाद में वे अनशन शुरु करेंगे। राम मंदिर समेत हिन्दुत्व के मुद्दों पर वे अनशन कर रहे हैं। एक तरह से मोदी सरकार के खिलाफ तोगडिया ने मोर्चा खोलते हुए अनशन शुरु करने जा रहे हैं, जिसे कई संगठनों का समर्थन मिलना तय माना जा रहा है।
तोगडिय़ा ने कहा कि वे हिन्दुओं की आवाज उठाते रहेंगे और देश भर में राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन की शुरुआत भी करेंगे। विश्व हिन्दू परिषद छोडऩे के बाद तोगडिय़ा ने आरोप लगाया कि मुझ पर दबाव बनाया गया कि राम मंदिर का मुद्दा छोड़ दो या फिर विहिप छोड़ दो। मैंने दोनों नहीं छोडऩे की बात कही तो सत्ता के बल पर फर्जी तरीके से चुनाव में हमें हराया। उन्होंने कहा कि हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि 32 बाद इस तरह से उन्हें निकाल दिया जाएगा। विहिप की बैठक में हिन्दुओं की आवाज को दबाया गया। चुनाव जीतने के लिए गलत हथकंडे अपनाए गए। मतदाता सूची में गड़बड़ी की गई। सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया गया।
तोगडिया ने मोदी सरकार पर हमला किया और कहा कि जिन्होंने हिन्दुओं की लाशों पर राजनीति की वे अब हिन्दुओं की आवाज और मुद्दों को दबाने में लगे है। लेकिन वे राम मंदिर मुद्दा और हिन्दुत्व मुद्दा नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने बजरंग दल, विहिप, दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ताओं और हिन्दुओं से आह्वान किया है कि वे राम मंदिर और हिन्दु एकता के मुद्दे एक साथ उठाए। सभी लोग सुरक्षित हिन्दु और समृद्ध हिन्दु की ओर बढ़ेंगे।
गौरतलब है कि शनिवार को 52 साल बाद हुए विश्व हिन्दू परिषद के चुनाव में हिमाचल प्रदेश के पूर्व गवर्नर और राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विष्णु सदाशिव कोकजे दो तिहाई बहुमत के साथ जीते है। कोकजे ने परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष राघव रेड्डी को 71 मतों से हराया। 192 सदस्यों ने चुनाव में भाग लिया था। कोकजे को 131 तो रेडडी को 60 मत मिले। एक वोट रद्द हो गया। रेड्डी को प्रवीण भाई तोगडिया ने समर्थन किया था। इस हार के साथ ही इन्होंने विहिप से इस्तीफा दे दिया। तोगडिया के स्थान पर आलोक कुमार को अंतरराष्टÓीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है।