Why not give reservation to ADAJ recruitment in 2016: High Court

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर पुलिस अधीक्षक को आदेश दिए हैं कि वह नशा सप्लाई करने वाले आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करे। अदालत ने शुरूआत में दरगाह क्षेत्र और बाद में पुष्कर में कार्रवाई करने को कहा है। इसके साथ ही अदालत ने तीस अप्रैल को पुलिस अधीक्षक को पेश होने के भी आदेश दिए हैं। न्यायाधीश मनीष भंडारी और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ ने यह आदेश अजमेर के युवाओं में बढ़ रहे नशे पर पूर्व में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।

सुनवाई के दौरान अजमेर एसपी ने कहा कि एक अध्ययन के अनुसार कुल्लु, अजमेर और गोवा में नशे की लत वाले अधिक लोग हैं। तीनों स्थानों में से अजमेर का दूसरा स्थान आता है। यहां गोवा से भी अधिक लोग नशा करते हैं। एसपी की ओर से अदालत को बताया कि अजमेर के दरगाह क्षेत्र में नशे का कारोबार अधिक होता है। नशे के आदतन लोग अपराध भी कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि यह बडे आश्चर्य की बात है कि नशे की लत रखने वालों की सूची में अजमेर का स्थान होने के बावजूद वहां नशा मुक्ति केन्द्र नहीं है। जबकि यहां नशा मुक्ति केन्द्र की बहुत जरूरत है। इस पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि नशा मुक्ति केन्द्र नहीं होने के कारण नशे की लत वाले बच्चों किशोरों को वापस खुला छोडना पड़ता है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पुलिस अधीक्षक को नशा सप्लाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि गत दिनों अदालत के सामने आया था कि अजमेर के दरगाह क्षेत्र में नशा करने वालों किशोरों की संख्या बढ़ रही है। जिसके चलते ये किशोर अपराध की दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं। प्रकरण में गंभीरता दिखाते हुए अदालत ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था।

 

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